बिहार में लगातार हो रही बारिश और बाढ़ के कारण राज्य में बत्तर स्तिथी पैदा हो गई है। कोसी, कमला, बूढ़ी गंडक, लाल बकेया जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वहीं लगातार बारिश की वजह से कोसी बैराज के 56 में से 48 फाटक खोल दिए गए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों में मौसम के और बिगड़ने की आशंका है।
जहां देश कोरोना से लड़ रहा है वहीं बिहार और असम जैसे राज्य कोरोना के अलावा बाढ़ और बारिश की चुनौतियों से भी जुझ रहे हैं। पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश नें बिहार को बदहाल कर रखा है। मुज़फ़्फ़रपुर और मधुबना जैसे कई जिलों के मुख्यमार्ग और गलियों में पानी भर गया है। इसके अलावा कई गांव पूरी तरह से पानी में डूब चुके हैं।

मीडिया रिपेर्टस के मुताबिक शुक्रवार को पानी के दबाव के चलते गोपालगंज – सारण बांद टूट गया। बांध टूटने की वजह से कई गांवों में बांध का पानी घूस गया है जिसके कारण लोग अपने मवेशियों को लेकर ऊंचे स्थानों पर जा रहे है।

वहीं बाढ़ के कारण दरभंगा और समस्तीपुर के बीच की ट्रेन सेवाएं भी रोक दी गई हैं। इसकी जानकारी पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने दी। जानकारी के मुताबिक हायाघाट थलवारा के बीच बागमती नदी में पानी भर जाने के कारण कुछ समय के लिए रेल परिचालन बंद किया गया है।

इन सबके बीच बाढ़, बारिश और कोरोना पर सियासत भी जारी है। विपक्ष लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राज्य में बाढ़ प्रभावित जिलों के दौरे पर निकले हैं। इसी क्रम में तेजस्वी ने मधुबनी के बाढ़ प्रबावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान मधेपुर प्रखंड के भाकुआ और भरगावा गांव में नाव से जाकर लोगों के बीच दो हजार रूपए बांटे साथ ही विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में बाढ़ से हालत काफी खराब है, और सरकार लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही है।

तेजस्वी यादव के मुज़फ़्फ़रपुर और मधुबना दौरे पर जेडीयू के नेता और प्रवक्ता रंजन प्रसाद ने कहा कि तेजस्वी बाढ़ पीड़ितों से मिलने नहीं बल्कि अपने काफिले के साथ पिकनिक मनाने गए हैं।

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