Air Pollution: SC ने CAQM को ठोस उपाय के लिए आम जनता से सुझाव लेने का दिया आदेश, अगली सुनवाई अब फरवरी में

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Air Pollution: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को वायु प्रदुषण को लेकर एक बार फिर सुनवाई हुई। अदालत ने Commission for Air Quality Management (CAQM) को इस समस्या के ठोस और दीधर्कालिक समाधान के लिए विशेषग्यों और आम जनता के सुझाव लेने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही अब इस मुद्दे पर अगली सुनवाई फरवरी के पहले सप्ताह में होगी।

Air Pollution: CAQM की तरफ से SG ने रखा पक्ष

CAQM की तरफ से SG ने Air Pollution के मामले पर दाखिल हलाफ़नमे की जानकारी दी। SGने कहा कि इस मामले में सभी हस्तक्षेप याचिकाओ पर कमीशन ने सुनवाई की। जिसके आधार पर अस्पताल के निर्माण पर छूट दे दी गई है। निर्माण कार्य पर रोक जारी रहेगी। कल इस बात पर निर्णय लिया जाएगा कि स्कूल कब से खोले जाए।इसके अलावा बिजली की जरूरतों को देखते हुए 6 थर्मल पावर प्लांट जिन्हें बंद कर दिया गया था, उन्हें फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई है।

Air Pollution: CAQM ने कहा हम समाधान खोज रहे हैं

SG ने कहा कि 40 उड़न दस्तों द्वारा लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। हमारे पास समाधान खोजने के लिए नीरी विशेषज्ञो के साथ दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए एक समिति है। जो इस विषय पर चर्चा कर रही है।

Air Pollution: उत्तर प्रदेश सरकार ने डाला हलफनामा

वहीं इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से निर्माण और अन्य उद्योग बंद होने की वजह से मजदूरों को जीवन यापन के लिए धन मुहैया कराने के मामले पर बुधवार को हलफनामा दाखिल किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मजदूरों को उनके आधार कार्ड के आधार पर हजार रुपए प्रति सप्ताह के हिसाब से दे रही है। इसके लिए निर्माण क्षेत्र से जुड़े 25 अलग-अलग तरह के मजदूरों को यह सुविधा मुहैया कराई जा रही है।

Air Pollution: राजस्थान सरकार मजदूरों को कर रही है मदद

साथ ही राजस्थान सरकार ने भी अलवर और भरतपुर में निर्माण और उद्योग क्षेत्र से जुड़े कामगारों को तीन भागों में बांटा है। जिनमें पहला मजदूर दूसरा सेमी स्किल्ड और तीसरा स्किल्ड इन तीनों को ढाई सौ से पौने तीन सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से रुपए दिए जा रहे है। इसके लिए अलवर और भरतपुर में ज्वाइंट लेबर कमिश्नर को 50 50 लाख रुपए दे दिए गए हैं।

Air Pollution:SC ने की थी सख्त टिप्पणी

 बताते चलें कि इससे पहले इस मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा था की प्रदूषण को कम करने के लिए जुर्माना लगाना कोई हल नहीं है। कोर्ट को टास्क फ़ोर्स के बारे में भी केंद्र की तरफ से बताया गया था। हालांकि कोर्ट ने इस मामले पर स्वतंत्र टास्क फोर्स बनाने के संकेत दिए थे।  CJI ने कहा था कि जब मामले की सुनवाई शुरू हुई कई निर्देश जारी हुए, कई प्रयास हुए लेकिन आपको लगता है कि क्या प्रदूषण कम हुआ? अब तो पराली नहीं जलाई जा रही है, लेकिन प्रदूषण का स्तर क्यों बढ़ रहा है? SG ने कहा कि इंडस्ट्रियल प्रदूषण और परिवहन प्रदूषण ही मुख्य कारक है, वायु प्रदूषण है।

CJI ने दिल्ली सरकार से कहा था कि स्कूल और ऑफिस को लेकर अपना पक्ष रखें। कोर्ट ने कहा था कि 24 घंटे का समय देते हैं या तो सरकारें फैसला लें नहीं तो हम आदेश जारी करेंगे।

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