हाल ही में साउथ फिल्म के सुपरस्टार सूर्या शिवकुमार (Suriya Shivakumar) की फिल्म ‘जय भीम’ (Jai Bhim) रिलीज हुई है। इस फिल्म में सूर्या शिवकुमार ने एक वकील की भूमिका निभाई है। जो हमेशा गरीब और आदिवासी लोगों के लिए खड़ा रहता है। यह एक तमिल फिल्म है जिसका निर्देशन टी जे ज्ञानवेल ने किया है। इस फिल्म में सूर्या के रोल को सभी ने बहुत पसंद किया है। और सभी यह जानने के लिए इच्छुक है कि सूर्या ने फिल्म में जो भूमिका निभाई है वो असल जिंदगी में कौन है? तो आइए आज हम आपको बताते है कि जस्टिस के चंद्रू (Justice K Chandru) कौन है।
फिल्म में चंद्रू नाम के एक वकील को दिखाया गया है, ये किरदार असल जिंदगी में मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस चंद्रू से प्रेरित है। वकील चंद्रू का किरदार तमिल अभिनेता सूर्या ने निभाया है। वकील चंद्रू के पास समाज के हाशिये के लोग अपने मामले लेकर आते हैं और चंद्रू उनको इंसाफ दिलाने का काम करते हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि चंद्रू मार्क्स, अंबेडकर और पेरियार के विचारों से प्रभावित हैं। अदालत में एक केस लड़ते हुए चंद्रू तमिलनाडु में फर्जी तौर पर जनजातीय और दलित लोगों पर मुकदमों की ओर अदालत का ध्यान खींचते हैं। जिसके बाद अदालत कैदियों की जमानत का फैसला सुनाती है।
कौन हैं जस्टिस के. चंद्रू?
मद्रास हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस के.चंद्रू ने अपनी करियर की शुरुआत एक वक़ील के रुप में की थी। वक़ील रहते हुए उन्होनें कई मानवाधिकार केस लड़े और वह हमेशा गरीबों और दलितों के साथ खड़े रहते है। सूर्या की फ़िल्म ‘जय भीम’ में चंद्रू के साल 1995 के असली केस की कहानी को दिखाया गया है। ये केस आदिवासी इरुलर समुदाय की महिला का था, जिसके पति को पुलिस हिरासत में बेरहमी से मार दिया था। इस आदिवासी महिला को न्याय दिलाने के लिए जस्टिस चंद्रू ने हर संभव कार्य किए जिसके बाद उन्होने उस महिला को न्याय भी दिलाया था। आज भी वह अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हैं। उन्हें आज भी न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में माना जाता है।
इस फिल्म के बाद जस्टिस के. चंद्रू को अब हर कोई जानता है। एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने करीब 96,000 मामलों का निपटारा किया। चंद्रू की सबसे खास बात यह है कि उन्होने महिलाओं, गरीब लोगों और कमजोर समुदायों से केस का कभी भी एक पैसा नहीं लिया।
चंद्रू 2006 में मद्रास हाईकोर्ट के एडिशनल जज बने
जस्टिस के. चंद्रू 2006 में मद्रास हाईकोर्ट के एडिशनल जज बने। और वो लोगों से आग्रह करते थे कि उन्हें अदालत में ‘माई लॉर्ड’ नही बोला जाए। बता दें कि इतने फेमस होने के बावजूद भी वो एक साधारण व्यक्ति का जीवन जीते हैं। फिल्म में सूर्या ने वकील चंद्रू और लिजोमोल जोस ने सेनगानी के किरदार को बखूबी निभाया है और निर्देशक ने कोर्ट रूम ड्रामा को भी अच्छे से फिल्माया है।
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