The Kashmir Files: विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) की द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा रही है। फिल्म ग्लोबल बॉक्स ऑफिस पर 250 करोड़ के पार पहुंच गई है। इसने भारत में 17 वें दिन 8 करोड़ रुपये की कमाई भी की। यह वर्तमान में दर्शकों और राजनीतिक दलों दोनों के बीच सबसे अधिक चर्चा में है। 1990 के दशक में कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन के आधार पर, कई बहसों को जन्म दिया है। फिल्म में दिखाई गई तस्वीरें आपका दिल दहला देगी।

The Kashmir Files के दो खलनायक फारूक मलिक बिट्टा उर्फ बिट्टा कराटे और यासीन मलिक इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। दोनों को आतंकवादी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के ध्वजवाहक (flag-bearer) के रूप में दिखाया गया है। लेकिन ये लोग कौन हैं और कश्मीरी पंडितों के बीच आतंक पैदा करने के लिए उन्हें जिम्मेदार क्यों ठहराया जा रहा है?
The Kashmir Files: कौन हैं यासीन मलिक?
यासीन मलिक जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के अध्यक्ष थे। रिपोर्टों के अनुसार, वह कश्मीर को भारत और पाकिस्तान दोनों से अलग करने की आवाज उठा रहे हैं। रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि मलिक ने 1980 में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा हिंसा को देखने के बाद विद्रोह करने का फैसला किया था। बाद में, मलिक ने ताला पार्टी का गठन किया। 1983 में, पार्टी ने वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के भारत दौरे के दौरान श्रीनगर में पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच को भी बाधित करने की कोशिश की। इस घटना के बाद मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया और चार महीने के लिए जेल भेज दिया गया।

मलिक के रिहा होने के बाद, ताला पार्टी ने खुद को इस्लामिक स्टूडेंट्स लीग (ISL) का नाम दिया और मलिक को महासचिव के रूप में नियुक्त किया। इसके बाद पार्टी 1987 में विधानसभा चुनाव के लिए मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट (MUF) में शामिल हो गई। चुनावों के बाद, यासीन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चले गए और बाद में 1989 में भारत लौट आए और जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के सदस्य बन गए, जिसके बाद उन्होंने भारतीय वायु सेना के चार कर्मियों की हत्या कर दी। कहा जाता है कि वह उन अलगाववादी नेताओं में भी शामिल थे जिन्होंने 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का नेतृत्व किया था।
कौन हैं बिट्टा कराटे?

फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे को बिट्टा कराटे जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का अध्यक्ष है। एक Interview में कराटे ने कबूला था कि 1990 के दशक में उसने कई कश्मीरी हिंंदुओं की हत्या की थी। आतंकवाद के आरोप के चलते वो 1990 से 2006 तक जेल में था। 2019 में आतंकवाद को फाइनेंस करने के आरोप में उसे एक बार फिर गिरफ्तार किया गया था।
संबंधित खबरें: