Satyajit Ray Birth Anniversary: इंडियन सिनेमा जगत के निर्देशक और लेखक सत्यजीत रे की आज बर्थ एनिवर्सरी है। उनका जन्म 1921 को कोलकाता में हुआ था। सत्यजीत रे ने अपने करियर में महज 37 फिल्में बनाई थी और इन्ही फिल्मों की बदौलत वे दुनियाभर में छा गए थे। उनकी फिल्मों में अलग ही जादू था जिसे देख दर्शक खो जाते थे। उन्होंने अपने जीवन में कुल 37 फिल्में बनाई थीं जिनमें से 32 को राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। उनकी पहली फिल्म पाथेर पांचाली थी जिसे आज भी लोग याद करते हैं।

Satyajit Ray की पाथेर पांचाली से मचा था बवाल
जानकारी के लिए आपको बता दें कि उनकी फिल्म पाथेर पांचाली के लिए खूब बवाल मचा था। क्योंकि इस फिल्म में भारत की गरीबी और खासतौर पर पश्चिम बंगाल के हालात को दिखाया था, जो दर्शकों को पसंद नहीं आया था। सत्यजीत रे की पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए किया और आगे की पढ़ाई शांति निकेतन से की थी। जब वह छोटे थे तभी उनके पिता गुजर गए। सत्यजीत रे ने अपने अपने करियर की शुरुआत साल 1943 में बतौर जूनियर विजुलायजर की थी।

लंदन में रहकर 100 फिल्में देखी
बता दें कि बचपन से ही सत्यजीत रे काफी अलग थे। वो और बच्चों की तरह नही थे। सत्यजीत रे हर कला में माहिर थे। उन्होंने अपने दम पर भारतीय सिनेमा में अपनी खास जगह बनाई जिसके लिए उन्हें कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। सत्यजीत रे सिर्फ डायरेक्टर के साथ राइटर, पेंटर, गीतकार और प्रोड्यूसर भी थे। बता दें कि 1950 में वह अपनी पत्नी के साथ लंदन गए और वहां उन्हें कई फिल्में देखी जिसके बाद उनकी रुची फिल्मों की ओर बढ़ती गई। फिल्मों से वे इस कदर प्रभावित हुए कि वे वापस लौटकर फिल्मों पर काम करना शुरू किया।

लंदन में रहने के दौरान उन्होंने करीब 100 फिल्में देखी थीं। बता दें कि सत्यजीत रे की पहली फिल्म ही सुपरहिट हुई थी। कांस फिल्म फेस्टिवल में फिल्म की खूब तारीफ की गई थी। आपको एक बात सुनकर हैरानी होगी कि पहली फिल्म बनाने के लिए ही सत्यजीत रे के पास पैसे नही थे और फिल्म बनाने के लिए उन्हें अपनी पत्नी के गहने बेचने पड़े थे। सत्यजीत रे को भारतीय सिनेमा का सबसे बेहतर डायरेक्टर कहा जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि 37 फिल्में बनाने वाले सत्यजीत रे ने 35 अवॉर्ड्स जीते थे।

सत्यजीत रे की फिल्मों के नाम-
पाथेर पांचाली, अपाजितो, अपुर संसार, चारुलता, नायक, देवी, द म्यूजिक रूम, महानगर, शतरंज के खिलाड़ी, घरे बाइरे, सोनार केल्ला, तीन कन्या, कांचनजंघा जैसी फिल्में बनाई। 23 अप्रैल 1992 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था।
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