आपातकाल पर आधारित मधुर भंडारकर की फिल्म ‘इंदू सरकार’ को सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली सरकार ने राहत दे दी है। फिल्म के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है और अब यह फिल्म कल रिलीज हो सकती है।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाली याचिकाकता ने इंदू सरकार फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की मांग की थी। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने भी सेंसर बोर्ड की मंजूरी को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फिल्म कानूनी दायरे में रहते हुए की जाने वाली एक कलात्मक अभिव्यक्ति है और इसके प्रदर्शन को रोकने का कोई औचित्य नहीं  है। वहीं फिल्म निर्देशक  मधुर भंडारकर ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने सेंसर बोर्ड के सुझाव पर उन सीन्स को पहले ही हटा दिया है।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ‘यह क्या कानून है कि फिल्म से पहले किसी व्यक्ति की रजामंदी होनी चाहिए। देश में किताबों और फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने का कांसेप्ट क्यों हो? कोर्ट ने कहा, इतिहास हमेशा अलग होता है और फिल्म कोई डाक्यूमेंट्री नहीं होती।

बता दें कि यह याचिका प्रिया पॉल नाम की एक महिला द्वारा दायर की गई थी, जिसने खुद को संजय गांधी की बायोलॉजिकल बेटी बताते हुए फिल्म को लेकर आपत्ति जताई थी। महिला का कहना था कि इस फिल्म में गांधी परिवार की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया है।

उधर, एक अधिवक्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इंदू सरकार को सेंसर बोर्ड द्वारा मिली मंजूरी को वापस लेने का अनुरोध किया था। यह फिल्म 28 जुलाई यानी कल रिलीज होने वाली है जिसकी कांग्रेस ने जोरदार आलोचना की है।

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