‘लौंडा नाच’ कलाकार पद्मश्री Ramchandra Manjhi का निधन, भिखारी ठाकुर शैली की आखिरी कड़ी टूटी

मांझी 'लौंडा नाच' के एक प्रसिद्ध कलाकार थे। बुढ़ापे में भी नृत्य के प्रति उनके जुनून ने उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (2017) और पद्म श्री (2021) सहित कई सम्मान दिलाए।

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Ramchandra Manjhi Passes Away
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Ramchandra Manjhi Passes Away: पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित रामचंद्र मांझी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके परिवार ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। 97 साल के मांझी अपने पीछे चार बेटे और दो बेटियां छोड़ गए हैं। लोक नर्तक को 2 सितंबर को इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। जहां बुधवार रात उनकी मौत हो गई।

Ramchandra Manjhi Passes Away: सीएम नीतीश कुमार ने जताया शोक

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मांझी के निधन पर दुख जताया है। कुमार ने एक शोक संदेश में कहा कि रामचंद्र मांझी का निधन भोजपुरी लोक, कला, नृत्य और संस्कृति की दुनिया के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वे एक महान लोक कलाकार थे। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।

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भिखारी ठाकुर के लोक नृत्य मंडली के अंतिम कलाकार थे Ramchandra Manjhi

मांझी ‘लौंडा नाच’ के एक प्रसिद्ध कलाकार थे। बुढ़ापे में भी नृत्य के प्रति उनके जुनून ने उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (2017) और पद्म श्री (2021) सहित कई सम्मान दिलाए। 1925 में बिहार के सारण जिले में जन्मे मांझी प्रसिद्ध भिखारी ठाकुर के लोक नृत्य मंडली के अंतिम कलाकार थे। वह भोजपुरी भाषा के शेक्सपियर के रूप में जाने जाने वाले भिखारी ठाकुर की मूल मंडली के सदस्यों में से एक थे। मांझी वर्तमान में सारण स्थित भिखारी ठाकुर रिपर्टरी ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर से जुड़े थे। मांझी के निधन के बाद बिहार के कला और संस्कृति मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने कहा कि उनके निधन ने भारतीय लोक कला, संगीत और सांस्कृतिक क्षेत्र में एक बहुत बड़ा शून्य छोड़ दिया है।

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