Irrfan Khan Birth Anniversary: भारतीय सिनेमा के इतिहास के बेहतरीन अभिनेताओं में से एक इरफ़ान खान (Irrfan Khan) का जन्म 7 जनवरी 1967 को हुआ था। उनकी यात्रा लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा है भले ही इरफान आज हमारे बीच में नही है लेकिन आज भी फैंस उन्हें उनके टैलेंट के दम पर याद करते है। हिंदी टीवी धारावाहिकों में छोटी-मोटी भूमिकाओं से लेकर दुनिया भर में प्रसिद्धि कमाने तक हमें इरफ़ान को कई अलग-अलग भूमिकाएं देते हुए देखने का मौका मिला।
30 साल तक दर्शकों का मनोरंजन करने वाले अभिनेता इरफान 29 अप्रैल 2020 में दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। आज दिवंगत अभिनेता के जन्मदिन के मौके पर पर आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें-
Irrfan Khan की जिंदगी का सबसे बुरा समय क्या था?
इरफ़ान बचपन से ही पतंग के प्रेमी थे और उनके इस प्यार का परिणाम उनके सबसे दर्दनाक अनुभवों में से एक था। एक दिन पतंग का धागा पकड़ने के दौरान वह अपनी छत से गिर गए और उनके हाथ टूट गए थे जिन्हें ठीक होने में लगभग दो साल लग गए। उन दो सालों के दौरान उन्हें लोगों ने बहुत तंग किया था जिस वजह से इरफ़ान ने अपना सारा आत्मविश्वास खो बैठा था।

इरफ़ान के पास बहुत कठिन समय था जब वह पहली बार एक्टिंग के लिए मुंबई आए थे। यह सिलसिला सालों तक चलता रहा, लेकिन एक अभिनेता ऐसा भी था जिसने उन्हें हर समय प्रेरित किया। वह कोई और नही बल्कि अभिनेता नसीरुद्दीन शाह थे। एक इंटरव्यू में मकबूल ऐक्टर ने खुलासा किया था कि नसीरुद्दीन शाह को देख उन्हें अंदर जाने का डायरेक्शन मिला। उन्होंने उनका पीछा किया और भारतीय सिनेमा में कभी मौजूद होने वाले सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में से एक बन गए।
बता दें कि 2003 में रिलीज हुई फिल्म मकबूल ने Irrfan Khan को बॅालीवुड में पहचान दिलाई इस फिल्म में तब्बू लीड रोल में थी। फिल्म को समीक्षको का अच्छा रिस्पॅास मिला था। इसके अलावा इरफान को पहला अवार्ड 2003 में फिल्म हासिल के लिए मिला था इस फिल्म में इरफान नेगेटिव रोल में थे।

एक इंटरव्यू में इरफ़ान ने बताया था कि, उन्हें नहीं लगता कि वह नेचुरल एक्टर हैं। उनके मुताबिक, नेचुरल या रियलिस्टिक होना ऐक्टर बनने की अहम बात नहीं है। इसके बजाय अभ्यास और दृढ़ता है जो सबसे अधिक मायने रखती है जो आपको एक फेमस ऐक्टर बना सकती हैं।
इरफ़ान शाही वंश के थे उनका जन्म जयपुर रे पठान परिवार में हुआ था। हालांकि उनका परिवार बेहद सामान्य जीवन जीते थे। उसके पिता शिकारी थे। उनकी मां सईदा बेगम अपने पिता के साथ मिलकर टायर का कारोबार चलाती थीं।

इरफ़ान खान का 29 अप्रैल, 2020 को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर के कारण निधन हो गया था। वह इस बीमारी से लंबे समय तक लड़ते रहे। इरफ़ान के बेटे बबिल खान ने उनके निधन के बाद बताया कि, मरने से दो दिन पहले उनके पिता ने उन्हें बता दिया था कि उनकी मौत हो रही है।
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