Gujarat Election 2022: भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात में विधानसभा चुनाव होने को हैं। इसके लिए कभी भी चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान कर सकता है। वहीं, राज्य में राजनीतिक पार्टियों की धुआंधार रैलियां जारी हैं। सत्ताधारी बीजेपी हो या फिर कांग्रेस या आम आदमी पार्टी, इनके नेता गुजरात के हर जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में जाकर लोगों को संबोधित कर रहे हैं। शनिवार को राज्य के सीएम भूपेंद्र पटेल ने कैबिनेट की बैठक की। उसमें उन्होंने प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला किया। वहीं, अब इस फैसले पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान आया है।

Gujarat Election 2022: सभी समुदायों को साथ लेकर बने यूनिफॉर्म सिविल कोड-केजरीवाल
बता दें कि गुजरात में विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी काफी सक्रिय हो गई है। दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इन दिनों गुजरात में हैं। उन्होंने भावनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा “उनकी (बीजेपी) नीयत खराब है। संविधान के आर्टिकल 44 में साफ-साफ लिखा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है तो सरकार को यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाना चाहिए। इसे ऐसा बनाना चाहिए जिसमें सभी समुदायों की रजामंदी हो। सभी समुदायों को साथ लेकर यूनिफॉर्म सिविल कोड बनना चाहिए।”
देश में लागू कर दें यूनिफॉर्म सिविल कोड- सीएम केजरीवाल
केजरीवाल प्रेस को संबोधित करते हुए बीजेपी पर खूब बरसे। उन्होंने कहा “बीजेपी ने उत्तराखंड के चुनाव के पहले एक समिति बना दी। उत्तराखंड का चुनाव जीतने के बाद अब वह समिति अपने घर चली गई। अब गुजरात चुनाव के 3 दिन पहले एक समिति बनाई, अब यह भी चुनाव के बाद अपने घर चली जाएगी।” दिल्ली के सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश में क्यों नहीं बनाते, उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं बनाते?
केजरीवाल ने आगे कहा कि अगर इनकी नीयत यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की है तो देश में लागू कर दें। ये लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं क्या? उन्होंने कहा कि पहले आप जाकर उनसे पूछना कि केजरीवाल कह रहे हैं कि आपको यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू नहीं करना है, आपकी नीयत खराब है।

सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी-सीएम
बता दें कि गुजरात की बीजेपी सरकार ने राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए कैबिनेट में एक कमेटी बनाने का फैसला किया है। वहीं, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को ट्वीट कर बताया, “राज्य में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता की जांच करने और इसके लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट/ हाई कोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाने के लिए राज्य कैबिनेट की बैठक में आज महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।”
क्या होता है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता का अर्थ एक पंथनिरपेक्ष कानून होता है, जो सभी धर्मों के लोगों के लिए समान रूप से लागू होता है। दूसरे शब्दों में, अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग सिविल कानून न होना ही ‘समान नागरिक संहिता’ का मूल परिभाषा है। इस कोड के तहत राज्य में निवास करने वाले लोगों के लिए एक समान कानून का प्रावधान है, यानी कि धर्म के आधार पर किसी भी नागरिक को विशेष लाभ नहीं मिलेगा। मालूम हो कि देश में अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ मौजूद हैं, जिन्हें कई राज्यों में खत्म करने और पूरे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की मांग होती रही है।
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