अवैध कारोबार से वैध कारोबार को बड़ा खतरा, 2022 तक वैश्विक अवैध कारोबार 2.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है : रिपोर्ट

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Ficci की एक रिपोर्ट के मुताबिक अवैध कारोबार (Illegal Business) भारतीय उद्योग पर नकारात्मक असर डाल रहा है और लाखों वैध रोजगार पर संकट पैदा कर रहा है। अवैध कारोबार दुनिया भर के देशों में फैला है और अरबों डॉलर का कारोबार कर रहा है। यह लगातार बढ़ता जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक वैश्विक जीडीपी का 8 से 15 फीसदी अवैध कारोबार व आपराधिक गतिविधियों हो रहा है।

2022 तक वैश्विक अवैध कारोबार 2.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है

फिक्की कास्केड रिपोर्ट के मुताबिक जालसाजी और तस्करी जैसी गतिविधियां अर्थव्यवस्था को नष्ट कर रही हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2022 तक वैश्विक स्तर पर अवैध कारोबार का आकार 2.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। व्यापक सामाजिक, निवेश व आपराधिक दबाव के कारण यह बढ़कर 4.2 ट्रिलियन डॉलर तक जा सकता है। इससे 54 लाख वैध रोजगार पर संकट मंडरा रहा है। केवल सात क्षेत्रों-ऑटो कंपोनेंट, एल्कोहलिक पेय, कंप्यूटर हार्डवेयर, एफएमसीजी-पैकेज्ड गुड्स, एफएमसीजी-पर्सनल गुड्स, तंबाकू और मोबाइल फोन के अवैध कारोबार से उद्योग जगत को अनुमानित 1,05,381 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अवैध कारोबार सरकार के राजस्व पर भी असर डाल रहा है और इन उद्योगों में राजकोष को 39,239 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

अवैध कारोबार से अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान

रिपोर्ट के मुताबिक जालसाजी और तस्करी का तीन तरह से हानिकारक प्रभाव पड़ता है। सबसे पहले यह निर्माताओं को प्रभावित करता है। उनके उद्योग के विकास पर असर डालता है और उस सेक्टर के मुनाफे को प्रभावित करता है और साथ ही यह किसी देश के रोजगार और विकास पर भी असर डालता है। भारत में तस्करी के बड़े कारणों में टैक्स की ऊंची दरें, ब्रांड की लालसा, जागरूकता की कमी, जटिल प्रवर्तन, सस्ते विकल्प, मांग व आपूर्ति में अंतर आदि शामिल हैं और यह कई तरीकों जैसे मिस-डिक्लेरेशन (संबद्ध एजेंसियों को गलत जानकारी देना), अवमूल्यन (आयात या निर्यात के मूल्य को कम करके दिखाना), मिसयूज ऑफ एंड यूज (किसी अन्य उद्देश्य के नाम पर लाई हुई वस्तु का अवैध तरीके से गलत कार्य में उपयोग) और अन्य माध्यमों से होती है।

तस्करी कर लाई हुई वस्तुओं में नशीली दवा, सोना और सिगरेट की बड़ी हिस्सेदारी के साथ पिछले कई दशक से भारतीय प्रशासन एवं उद्योग में तस्करी चिंता का विषय रही है। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के मुताबिक 2016-17 में 435 करोड़ रुपये और 78 करोड़ रुपये का सोना और सिगरेट जब्त किया गया। 2016-17 में 4885 करोड़ रुपये की नशीली दवाएं जब्त की गईं।

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