पिछले दो सालों में मंदी की मार झेलने वाले सर्राफा व्यापारियों में खुशी देखा जा रही है, आज धनतेरस (Dhanteras) के दिन राजधानी दिल्ली सहित देश भर के सर्राफा व्यापारियो ने सोने चांदी के गहनें खरीदे। कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) तथा कैट के ज्वेलरी विंग ऑल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्ड स्मिथ फेडरेशन (AIJGF) ने कहा, आज धनतेरस पर देश भर में लगभग 15 टन सोने के आभूषणों की बिक्री हुई, जिसकी कीमत लगभग 7 .5 हजार करोड़ रुपये है । दिल्ली में जहाँ लगभग 1000 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ, वहीँ महाराष्ट्र में लगभग 1500 करोड़, उत्तर प्रदेश में लगभग 600 करोड़, दक्षिण भारत में लगभग 2000 करोड़ का स्वर्ण आभूषणों का व्यापार हुआ ।
सोना और चाँदी निवेशकों की पहली पसंद
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया (BC Bhartia) ने कहा, देश में पुरातन काल से सभी त्यौहारों में धनतेरस का अपना विशेष महत्व है। इस दिन देश भर में लोग सोने चांदी के बर्तन सिक्के या आभूषण खरीदते है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने कहा, कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र मंथन के समय भगवान धनवंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि तो धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम के जाना जाता है। सोना और चाँदी देश में निवेशकों की प्राचीन काल से ही पहली पसंद रही है।
2021 की पहली छमाही में 700 टन सोना इम्पोर्ट हुआ
एआइजेजीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोरा ने कहा, इस वर्ष आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल और उपभोक्ता मांग में सुधार के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सोने की मांग में सालाना आधार पर 50% की बढ़ोतरी हुई है। अरोरा ने कहा कि 2021 की पहली छमाही में 700 टन सोना इम्पोर्ट हुआ है जो कि पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। उन्होंने बताया की वर्तमान में दिवाली के त्यौहार तथा उसके बाद शुरू होने वाले शादियों के सीजन में ग्राहकों की मांग को देखते हुए देश भर में सर्राफा व्यापारियों ने सोने के आभूषणों एवं अन्य सामान की उपलब्धता की व्यापक तैयारी कर रखी है ।
सोने-चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां और बर्तनों की हुई बिक्री
पंकज अरोड़ा ने बताया की गहनों के साथ ही सोने-चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां और बर्तन की बड़ी बिक्री की संभावना है। कोराना काल के 19 माह बाद देश के ज्वेलरी के बाजार में पहली बार यह चमक देखी जा रही है। इससे देश भर का सर्राफा कारोबार उत्साहित हैं। अच्छी बात यह है कि खरीदार खुद के उपयोग के लिए ज्वेलरी और अन्य उत्पादों के साथ निवेशक के लिए बुलियन की ओर आकर्षित है। इस उत्साह का बड़ा कारण देश में कोरोना के मामलों का न्यूनतम स्तर पर आना तथा कोरोना के टीके लगना है।
शादियों पर भी होगी गोल्ड की खरीदारी
कोरोना ने दो साल से देश भर में शादियों के आयोजन को भी काफी प्रभावित किया था। अब हालात सामान्य हो रहे हैं, नवंबर के मध्य से अगले वर्ष शादियों का सीजन आ रहा है और शादी से संबंधित गोल्ड, ज्वेलरी एवं अन्य वस्तुओं की बिक्री भी होने की संभावना है। पंकज अरोरा ने बताया कि वर्ष 2019 में सोने का भाव रुपए 38923 प्रति 10 ग्राम और चाँदी का भाव रूपये 46491 प्रति किलो था, जबकि वर्ष 2020 में नवंबर महीने में को सोने का भाव बढ़ कर रुपये 50520 प्रति 10 ग्राम हो गया और चांदी का भाव बढ़ कर रुपये 63044 प्रति किलो था, जबकि आज धनतेरस के दिन सोने का भाव 49300 प्रति 10 ग्राम रहा, जबकि चांदी का भाव 66300 प्रति किलोग्राम रहा।
अरोरा ने आगे कहा कि भारत में विविध संस्कृतियों और त्योहारों का समावेश है, जिसमे धनतेरस और दीपावली का विशेष महत्व है, जिसमे प्रत्येक भारतीय परिवार अपनी हैसियत के अनुसार सोने-चाँदी में निवेश करता है। यह निवेश बुलियन, सिक्के, गहने आदि के रूप में होता है। कोरोना महामारी की वजह से जहाँ, वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही में सोने के गहने की खपत देश मे 101.6 टन थी, वही पिछले वर्ष दूसरी तिमाही में यह खपत 48% गिरकर 52.8 टन रह गयी थी, जबकि इस वर्ष की पहली छमाही में लगभग 700 टन का गोल्ड इम्पोर्ट से अनुमान है कि इस साल गोल्ड का व्यापार बेहतर होगा।
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