Fuel Price: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद उपभोक्ताओं को इसका सीधा लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लोगों को सस्ती दरों पर पेट्रोल और डीजल उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सरकार तेल की कीमतों की रोजाना मूल्य निर्धारण की समीक्षा करने वाली है।इसी क्रम में वर्ष 2017 से 5 शहरों में दैनिक आधार पर पेट्रोल और डीजल के दामों की समीक्षा करने की व्यवस्था शुरू हुई थी।
सरकारी तेल एजेंसियों ने 7 अप्रैल से पेट्रोल पंप पर दरों में दैनिक बदलाव बंद कर दिया है। जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में जुलाई माह के दौरान बेहद गिरावट दर्ज की गई है। वहीं सरकार ने जब मई में पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में कटौती की तो कंपनियों ने केवल उतनी ही राशि कम की और अपनी ओर से कोई कटौती नहीं की।

Fuel Price: दाम में तेज उतार-चढ़ाव से मिलेगी राहत
Fuel Price: इस प्रक्रिया में रोजाना दरों की समीक्षा करने की बजाय साप्ताहिक या पाक्षिक समीक्षा की जाती है।उसमें औसम दाम को आधार बनाया जाता है। इससे उपभोक्ताओं को पेट्रोल और डीजल के दामों में राहत मिल सकती है। इस बाबत कंपनियां भी यह नहीं कहेंगी कि उन्हें घाटा पहुंच रहा है।
जहां अक्सर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी नहीं करने के पीछे तेल कंपनियां घाटा होने का तर्क देती हैं। कंपनियों का कहना है कि उन्हें डीजल पर प्रति लीटर 20 से 30 रुपये और पेट्रोल पर प्रति लीटर 14 से 18 रुपये का नुकसान हो रहा है।
जानकारी के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में 17 प्रतिशत गिरे हैं कच्चे तेल के दाम। इस दौरान विदेशी बाजार में डीजल 14 फीसदी कमजोर हुआ है। 130 डॉलर से उतरकर 103 डॉलर हो चुका है कच्चा तेल अप्रैल से अब तक।
संबंधित खबरें
- Ayurvedic Dawa: अब Online Order पर नहीं मिलेंगी आयुवेर्दिक दवाएं, डॉक्टर की पर्ची देना होना अनिवार्य
- डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिए RBI ने लागू किया नया नियम, जानें Online Transaction को लेकर क्या कुछ बदला है…