Ayurvedic Dawa: अब Online Order पर नहीं मिलेंगी आयुवेर्दिक दवाएं, डॉक्‍टर की पर्ची देना होना अनिवार्य

Ayurvedic Dawa: फरवरी 2016 में, आयुष मंत्रालय इस बाबत दवा कंपनियों और स्टेकहोल्डर्स को सूचित कर चुका है। इसके लिए बाकायदा एक सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया गया है।

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Ayurvedic Dawa: अब आयुर्वेद की दवाएं ऑनलाइन खरीदने से पहले आपके साथ डॉक्‍टर की पर्ची होना अनिवार्य हो गया है।सरकार इन दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के नियमों में फेरबदल करने जा रही है।केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की ओर से सभी ई-कॉमर्स संस्थाओं को निर्देश जारी किए गए हैं कि कुछ खास आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी दवाओं को केवल उन्हीं ग्राहकों को बेचा जाए, जिनके पास किसी रजिस्टर्ड डॉक्टर का लिखी मेडिकल पर्ची हो। इन दवाओं को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से खरीदने के लिए प्रिसक्रिप्शन को अपलोड करना अनिवार्य होगा।

Ayurvedic Dawa
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Ayurvedic Dawa : डॉक्‍टर की देखरेख में सुरक्षित रहता है दवाओं का सेवन

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के अनुसार ये नियम उन दवाओं पर लागू होगा जो औषधि और प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 की अनुसूची E (1) के तहत आते है।शेड्यूल E (1) में आयुर्वेद (सिद्ध सहित) और यूनानी की उन दवाओं को रखा जाता है। जिसमें जहरीले तत्व होते हैं।ऐसी दवाओं को डॉक्टरों की सलाह के बाद ही लेना होता है। ऐसे में डॉक्टरों की देखरेख के बिना इन दवाओं का सेवन करना खतरनाक होता है।

ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर जुड़ी दवा प्रदाता फर्मों को सलाह दी गई है। ऐसी दवाओं की बिक्री या बिक्री की सुविधा केवल एक पंजीकृत आयुर्वेद, सिद्ध या यूनानी चिकित्सक के वैध नुस्खे को अपलोड करने के बाद ही दी जाए।ऐसी दवाओं के कंटेनर के लेबल पर ‘सावधानी’ (Caution) शब्द अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में प्रिंट होना भी अनिवार्य कर दिया गया है।

Ayurvedic Dawa: आयुष मंत्रालय वर्ष 2016 में जारी कर चुका है नोटिस

फरवरी 2016 में, आयुष मंत्रालय इस बाबत दवा कंपनियों और स्टेकहोल्डर्स को सूचित कर चुका है। इसके लिए बाकायदा एक सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया गया है। मसलन ऐसी दवाओं को चिकित्सकीय देखरेख में लेने की आवश्यकता है। उन्हें बिना चिकित्सकीय परामर्श के ऑनलाइन खरीदने से बचना चाहिए।

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