G20 Summit: जी-20 समिट शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं।इस मेगा इवेंट के होने में चंद दिन ही बाकी हैं।देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित इस समिट को लेकर यहां सुरक्षा- व्यवस्था चाक-चौबंद है। G20 समिट क्षेत्र के आसपास ही मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।ऐसे में दिल्ली के इन टॉप क्लास होटल्स
में जोर-शोर से तैयारियां जारी हैं। हाई सिक्योरिटी होटल्स में उनके रहने के टॉप क्लास प्रबंध के साथ ही विदेशी मेहमानों के लिए बेहद खास फूड मेन्यू
भी तैयार किया जा रहा है। G20 समिट 8-10 सितंबर के बीच होगा।
मेजबानी के दौरान भारत अपनी कला संस्कृति और स्वादिष्ट व्यंजनों से विदेशी अतिथियों को दिल जीतने का प्रयास करेगा। देश के अलग-अलग राज्यों के पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ उनका शानदार आतिथ्य संस्कार किया जाएगा।समिट में गेस्ट के सामने बेहतरीन व्यंजन परोसे जाएंगे। बेहद खास बात ये है कि जो भी डिशेज मेहमानों को परोसी जाएंगी वो बाजरा, रागी जैसे अनाजों से तैयार की जाएगी।ताजा अपडेट के अनुसार करीब 120 शेफ के ऊपर 500 बेहतरीन डिश तैयार की जिम्मेदारी है।
G20 Summit: जानिए कौन-कौन सी डिश फॉरेन डेलीगेट्स के सामने परोसी जाएंगी?
G20 Summit: दुल्हन की तरह सजी दिल्ली आजकल पूरी दुनिया की नजरें है। यहां चारों तरफ रंग बिरंगे फूलों से सजावट की गई। जी-20 समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा सहित कई और अतिथि भी शामिल होंगे। उनके स्वागत के लिए दिल्ली के टॉप-नॉच फाइन डाइनिंग और होटल से तरह-तरह के खाने का इंतज़ाम किया गया है।
गेस्ट्स के लिए स्पेशल मेनू बनाया गया है। पूरी प्रक्रिया में इंडिया के बेस्ट शेफ़्स को जिम्मेदारी सौंपी गई है। हर एक जायके का विशेषतौर पर ख्याल रखा गया है। सभी चीजें इस फूड लिस्ट में जोड़ी गईं हैं जो भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। कैटरिंग की सारी व्यवस्था ITC करेगा। जो भारत के रीजनल फ़ूड और मिलेट्स से बने खाने पर ज़्यादा ध्यान देगा।JW Marriott के स्टाफ ने बताया कि “रेस्टोरेंट में Millet Bar को होस्ट करेंगे। जिसमें सलाद, खजूर, मेवे और फल शामिल होंगे। होटल में लोकल फ़ूड आइटम्स भी शामिल होंगे। जैसे पुरानी दिल्ली की करी और चाट, और ऐसे व्यंजन जो भारतीय और अंतरराट्रीय व्यंजनों की विविधता को उजागर करते हों।”
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