Gyanwapi Survey: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि मस्जिद में कोई तोड़फोड़ नहीं होनी चाहिए। सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोई तोड़फोड़ नहीं की गई है, ना ही इसकी योजना है। अभी सिर्फ सर्वे में मस्जिद की नपाई का काम किया जा रहा है। वहीं मुस्लिम पक्ष ने सर्वे के काम को दो-तीन दिन टालने की मांग की है।शीर्ष अदालत ने 26 जुलाई तक ज्ञानवापी सर्वे पर रोक लगाने का आदेश दिया। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट जाने को कहा।
ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वे के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम सोमवार को बनारस पहुंची थी। एसआई ने सर्वे के दौरान नींव के पास खुदाई कर मिट्टी ली थी। नींव के आसपास के ईंट-पत्थर के टुकड़े नमूने के तौर पर लिए गए थे। सभी जगह की फोटो खींची गई है।मशीनों से दीवारों को स्कैन किया गया।दीवारों पर कागज लगा कर उनका सैंपल लिया गया।
सर्वे शुरू होते है जिला जज वाराणसी 21 जुलाई के आदेश को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी गई है।वकील सौरभ तिवारी के माध्यम से कैविएट पेटीशन ई-फाइलिंग मोड से कैविएट दाखिल किया है।
श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष की मुख्य वादिनी राखी सिंह की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल की गई है। वकील सौरभ तिवारी के माध्यम से कैविएट पेटीशन ई-फाइलिंग मोड से दाखिल किया गया है।
जानकारी के अनुसार अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी अगर हाईकोर्ट में जिला जज के फैसले को चुनौती दे तो बगैर उन्हें सुने हाईकोर्ट फैसला ना सुना दे। इसी वजह से ये कैविएट दाखिल की गई है। मस्जिद कमेटी की तरफ से अभी तक हाईकोर्ट में कोई अपील दाखिल नहीं की गई है।वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे सोमवार की सुबह से शुरू हो चुका है।
Gyanwapi Survey: वजूखाने को छोड़ कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण
Gyanwapi Survey: पुरातात्विक सर्वे के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम रविवार को ही वाराणसी पहुंच गई।आज यानी सोमवार की सुबह करीब 7.30 बजे लोगों की टीम मस्जिद परिसर के अंदर सर्वे करने पहुंची।इससे पहले हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि एएसआई की टीम परिसर में वजूखाने को छोड़ कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण शुरू करेगी।
Gyanwapi Survey: गौरतलब है कि वाराणसी के जिला न्यायाधीश एके. विश्वेश की अदालत ने 21 जुलाई को हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी थी। केवल विवादित हिस्से को छोड़ कर कोर्ट ने पूरे परिसर के सर्वे को मंजूरी दी है। हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि मेरा आवेदन मंजूर कर लिया गया। अदालत ने वजू टैंक को छोड़कर,जिसे सील कर दिया गया है।परिसर के अन्य जगह के सर्वे की अनुमति दी है। पूरे सर्वे की रिपोर्ट जिला जज को 4 अगस्त को देनी होगी।
Gyanwapi Survey: एएसआई के विशेषज्ञों की टीम पहुंची
Gyanwapi Survey: सर्वे के लिए बनारस में बीते रविवार को ही एएसआई के विशेषज्ञों की टीम विशेष उपकरणों के साथ पहुंच चुकी थी।टीम ने कमिश्नर कौशलराज शर्मा, पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन, जिलाधिकारी एस राजलिंगम के साथ पुलिस कमिश्नर के कैंप कार्यालय पर बैठक की। इसमें मंदिर व मस्जिद पक्ष के वकील और वादी भी शामिल थे।
सर्वे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था यहां चौक-चौबंद है।अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में गश्त करने का निर्देश दिया गया है।
रात 12 बजे से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के चार नंबर द्वार पर फोर्स तैनात की गई है। रात दो बजे से आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई।
ज्ञानवापी मामले से जुड़ी अहम बातें
- वादी और प्रतिवादी पक्ष के दावों के प्रकाश में वैज्ञानिक विधि से जांच एवं वीडियो, फोटोग्राफी से साक्ष्य संकलन
- परिसर में मौजूद इमारत की पश्चिमी दीवार की आयु और निर्माण की प्रकृति की वैज्ञानिक विधि से जांच
- तीनों गुंबदों के नीचे, पश्चिमी दीवार और तहखानों की जांच और जरूरी हो तो उत्खनन के निर्देश
- इमारत में पाई गई कलाकृतियों की सूची बनाएं और उनकी आयु व प्रकृति का निर्धारण करें
- जांच के जरिए इमारत के खंभों और नींव की आयु व प्रकृति का निर्धारण करें
- इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मौजूदा निर्माण को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे
परिसर की पैमाइश
सूत्रों के अनुसार 43 सदस्यीय एएसआई टीम ने शुरुआती दो घंटे में पूरे ज्ञानवापी परिसर की पैमाइश करवाई।केवल यहां बने वजूस्थल को छोड़कर परिसर के हर पत्थर और ईंट की ऊंचाई नापी गई। दीवारों की फोटो-वीडियोग्राफी भी कराई गई। जरूरत पड़ने पर खुदाई करने की भी तैयारी है।
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