Rohini Court Shootout: Rohini Court Complex में शुक्रवार को हुई गोलीबारी में तीन लोगों की मौत और एक महिला वकील के घायल होने के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में Security Measures को बेहतर करने के लिए याचिका दायर की गई है।
अधिवक्ता विशाल तिवारी (Vishal Tiwari) द्वारा दायर एक लंबित जनहित याचिका में न्यायिक अधिकारियों (Judicial Officers), अधिवक्ताओं (Advocates) और कानूनी बिरादरी (Legal Fraternity) की सुरक्षा के लिए निर्देश देने की मांग की गई, ताकि जीवन और सुरक्षा के अधिकार को लागू किया जा सके, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित है।
याचिका के अनुसार, ” हमारे देश में Subordinate Courts कई मौकों पर अपराध की जगह में बदल गए हैं, जैसा कि हाल ही में 24 सितंबर, 2021 को दिल्ली की रोहिणी अदालत में हुई गोलीबारी उसका एक उदाहरण है। दिल्ली के रोहिणी कोर्ट के अंदर शुक्रवार को दो हथियारबंद लोगों ने फायरिंग कर दी, जिसमें जेल में बंद खूंखार गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी (Jitender Maan alias Gogi) की मौत हो गई। गोगी के साथ जा रहे दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस टीम के सदस्यों ने हमलावरों को कोर्ट रूम के अंदर 27 गोलियां मारकर मार गिराया। एक बड़ी सुरक्षा चूक में, माना जाता है कि ये लोग सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया के गिरोह से संबंधित थे। यह अपराधी .38 bore और .30 bore पिस्तौल के साथ वकील के रूप में अदालत कक्ष में घुसने में कामयाब रहे थे। गोगी को पांच-छह गोलियां लगीं और उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। ‘’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह पहली घटना नहीं है, जिसमें Subordinate Courts में इस तरह की हत्या और हमले देखे गए हैं, तिवारी ने उल्लेख किया कि दिसंबर 2019 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक अदालत कक्ष के अंदर अदालती कार्यवाही के दौरान दोहरे हत्याकांड के आरोपी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शूटिंग बिजनौर जिला अदालत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष कैदी शानावाज अंसारी Shanawaz Ansari को पेश करने के दौरान हुई थी।
ये भी पढें- सत्र के दौरान न पूछे जाए पेगासस से जुड़े सवाल, केंद्र ने कहा- कोर्ट में विचारधीन है मामला
Pegasus Scandal मामले की जांच के लिए Supreme Court जल्द ही करेगा कमेटी गठन