Delhi Ordinance: दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अधिकारों को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए अध्यादेश पर अब 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बता दें, दिल्ली सरकार ने अध्यादेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है और इसे रद्द करने की गुजारिश भी की है। सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को चीफ जस्टिस के सामने जल्द सुनवाई की बात कही गई, जिस पर उन्होंने सोमवार को सुनवाई की बात कही।
Delhi Ordinance: क्या है मामला?
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार की शक्तियों को लेकर केंद्र और राज्य के बीच चल रही खींचतान पर पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने बड़ा फैसला सुनाया था। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर-पोस्टिंग के साथ दिल्ली सरकार के तमाम अधिकारों पर अपनी मुहर लगाई थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई जिसमें एक बार फिर उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के ऊपर कर दिया गया। इसी को लेकर केजरीवाल सरकार ने दोबारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
अध्यादेश का विरोध कर रही ‘AAP’
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार केंद्र के इस अध्यादेश का लगातार विरोध कर रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश भर में जाकर अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी नेताओं का समर्थन भी मांग चुके हैं। जिसमें कई दल उन्हें समर्थन देने की बात कह भी चुके हैं। अब मानसून सत्र में अध्यादेश को लेकर आम आदमी पार्टी विरोध की तैयारी कर रही है। बता दें, राजनीतिक विरोध के साथ ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अध्यादेश के खिलाफ किसी कानूनी पेंच में भी पीछे नहीं रहना चाहते हैं। यही कारण है दिल्ली सरकार अब अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।
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