
साल 2022 में पांच राज्यों में विधानसभा (Assembly Election) चुनाव होने वाला है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (BJP) राज्यों से मुख्यमंत्रियों का पत्ता साफ करने में लगी है। उत्तराखंड (Uttarakhand ) से लेकर गुजरात (Gujarat) और कर्नाटक (Karnataka) में मंत्रियों को अपना पद त्यागना पड़ा है। अब खबर सामने आरही है कि, हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर (Himachal Pradesh Chief Minister Jai Ram Thakur ) की बारी है। दरअसल जयराम ठाकुर को भारतीय जानता पार्टी के आलाकमान ने मंगलवार को दिल्ली (Delhi) तलब किया था। इस दौरान ठाकुर ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) से मुलाकात की थी। अब खबर सामने आई है कि उन्हें आज फिर दिल्ली तलब किया गया है।
Congress नेता का तंज
लगातार दो बार दिल्ली का बुलावा मिलने के बाद आशंका जताई जा रही है कि ठाकुर की कुर्सी खतरे में है। हिमाचल प्रदेश में सियासत गरमा गई है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है। कांग्रेस नेता मुकेश अग्निहोत्री ने जयराम ठाकुर पर तंज कसते हुए कहा कि, बचा लें अपनी कुर्सी।
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पांच नहीं छह मुख्यमंत्री बदलने हैं। इसलिए जयराम ठाकुर अपनी कुर्सी बचा लें। उन्होंने कहा कि बीजेपी को लेकर लोगों में भारी गुस्सा है। कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा में जिस तरह बीजेपी रैली नहीं कर सकती, उसी तरह बागवानों के खिलाफ मंत्री द्वारा दिए गए बयान के बाद बीजेपी अब शिमला में भी रैली नहीं कर सकती है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पाचं दिन के भीतर दो बार दिल्ली तलब किया गया है। इससे कयासों के बाजार गर्म हो गए हैं। गुजरात में विजय रूपाणी के इस्तीफे के फौरन बाद ही जयराम ठाकुर को दिल्ली आने का न्योता दिया गया था।
BJP ने छह माह के भीतर 6 मुख्यमंत्रियों का पत्ता किया साफ
बता दें कि, बीजेपी ने छह माह के भीतर पांच राज्यों से छह मुख्यमंत्रियों का पत्ता साफ किया है। जयराम ठाकुर के दिल्ली आने के बाद कहा जा रहा है कि उनकी भी कुर्सी अब खतरे में है।
हालांकि ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि, बैठक में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ अच्छी वार्ता हुई है। साल 2022 में राज्य में बीजेपी की सरकार लाने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
सीएम रविवार को ही नई दिल्ली से शिमला पहुंचे थे कि उन्हें फिर से हाईकमान ने दिल्ली बुला लिया था। वहीं, राज्य के मंत्रियों की परफार्मेंस पर पार्टी आलाकमान लंबे समय से नजर बनाए हुए है और चुनाव से पहले मंत्रिमंडल में भी फेरबदल की चर्चा तेज हैं।
यह भी पढ़ें: