अलीगढ़ (Aligarh) में राजा महेंद्र प्रताप सिंह (Raja Mahendra Pratap Singh) के नाम पर विश्वविद्यालय बनने की शुरुआत हुई है। इस विश्वविद्यालय (University) की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रखी हैं। इससे यह विश्वविद्यालय काफी चर्चा में हैं और इसके साथ राज महेंद्र प्रताप सिंह के बारे में जानने को लेकर लोगों में जिज्ञासा भी है। आखिर कौन हैं राजा महेंद्र प्रताप सिंह जिनके नाम पर अलीगढ़ में विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया गया है?
स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी
राजा महेंद्र प्रताप सिंह भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले स्वतंत्रता सेनानी थे। वे एक पत्रकार, लेखक और क्रांतिकारी थे। उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उनके सम्मान में एक डाक टिकट भी जारी किया था। वे प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अस्थाई भारतीय सरकार के राष्ट्रपति थे जो उस समय निर्वासित भारतीय सरकार थी। आजाद भारत में वे एक समाज सुधारक के रूप में जाने गए।
राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर जारी किया गया डाक-टिकट
राजा महेंद्र प्रताप का जन्म 1 दिसंबर 1886 को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के मुरसान जमींदार एस्टेट के शाही जाट परिवार में हुआ था। वे राजा घनश्याम सिंह की तीसरी संतान थे। उनकी पढ़ाई की शुरुआत अलीगढ़ के सरकारी स्कूल में हुई थी लेकिन उन्हें जल्दी ही मुहम्मदान एंग्लो ओरिएंटर कॉलेजाइट स्कूल में डाल दिया गया जो आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है। वहां, उन्हें इसी यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान से शिक्षा मिली थी।
बचपन से ही थी देश प्रेम की भावना
कॉलेज के दौरान ही उनका विवाह हो गया था। अपने ससुर की आपत्तियों के बाद भी प्रताप सिंह ने 1906 का कोलकाता में हो रहे कांग्रेस सत्र में भाग लिया था। वहां, उनकी मुलाकात बहुत सारे स्वदेशी आंदोलनकारियों से हुई थी। इसके बाद ही उन्होंने स्थानीय कारीगरों और देशी उत्पाद को बढ़ाने के लिए लघु उद्योगों को बढ़ावा देने का फैसला लिया था।