शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी (Bilawal Bhutto) गुरुवार को गोवा के लिए रवाना हो गए हैं। भुट्टो करीब एक दशक के बाद भारत आने वाले पहले विदेश मंत्री हैं। भुट्टो ने कहा कि वो विदेश मंत्रियों की एससीओ परिषद में पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बैठक में शामिल होने का मेरा फैसला एससीओ चार्टर के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जरदारी ने यह भी कहा कि वो मित्र देशों के अपने समकक्षों के साथ चर्चा के लिए उत्सुक हैं।
इससे पहले हिना रब्बानी खार आईं थीं भारत
इस बीच, विदेश कार्यालय (एफओ) के प्रवक्ता ने कहा कि बिलावल कराची से गोवा के लिए रवाना हुए हैं। बिलावल की यात्रा जुलाई 2011 के बाद से पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा भारत की पहली यात्रा होगी। इससे पहले तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने शांति वार्ता के लिए दौरा किया था।

बिलावल की नहीं होगी द्विपक्षीय बैठक
पाकिस्तान पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि विदेश मंत्री अपनी यात्रा के दौरान अपने भारतीय समकक्ष के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं करेंगे। विदेश मंत्री ने अपनी आगामी यात्रा के बारे में अटकलों को भी खारिज कर दिया है।
भारत ने अन्य मध्य एशियाई देशों के साथ चीन और रूस के विदेश मंत्रियों को भी निमंत्रण भेजा है। ईरान संगठन का सबसे नया सदस्य है और वह पहली बार पूर्ण सदस्य के रूप में एससीओ की बैठक में भाग लेगा।
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