DMK, CPI और AIADMK समेत कई अन्य पार्टियों ने.. सुप्रीम कोर्ट में नीट के तहत.. मेडिकल कॉलेज में सीटों को लेकर तमिलनाडु में 50 फीसदी OBC आरक्षण के मामले पर याचिका दायर की थी.. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में किसका मौलिक अधिकार छीना गया है.. आपकी दलीलों से लगता है कि आप सिर्फ तमिलनाडु के कुछ लोगों की भलाई बात कर रहे हैं.. DMK की ओर से अदालत में कहा गया कि हम अदालत से ज्यादा आरक्षण जोड़ने को नहीं कह रहे हैं, बल्कि जो है उसे लागू करवाने को कह रहे हैं.. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि आरक्षण कोई बुनियादी अधिकार नहीं है.. आप सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस लें और हाईकोर्ट में दाखिल करें..
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए आरक्षण को लेकर बड़ी टिप्पणी की है
तमिलनाडु मे #NEET पोस्टग्रेजुएशन रिजर्वेशन मामले मे अदालत ने कहा कि आरक्षण कोई बुनियादी अधिकार नहीं है
अदालत ने तमिलनाडु के राजनीतिक दलों द्वारा दाखिल की गई एक याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया pic.twitter.com/2jCIAoIdZZ
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) June 11, 2020
हालांकि, इस दौरान टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें खुशी है कि एक मसले पर सभी राजनीतिक दल एक साथ आएं हैं.. लेकिन हम इस याचिका को नहीं सुनेंगे.. हालांकि, हम इसे खारिज नहीं कर रहे हैं और आपको सुनवाई का मौका हाई कोर्ट के सामने दे रहे हैं.. इससे पहले भी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से ऐसी टिप्पणी की गई हैं कि ये किसी तरह का मौलिक अधिकार नहीं है..
तमिलनाडु के मुख्य राजनीतिक दलों ने नीट परीक्षा में राज्य के ओबीसी छात्रों को 50 फीसदी आरक्षण देने की मांग की थी.. मगर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकार करने से मना कर दिया।