नागरिकता संशोधन कानून (CAA)और नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन (NRC)के खिलाफ पिछले 57 दिन से जारी शाहीन बाग में प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है, कोर्ट ने सीधे तौर पर प्रदर्शनकारियों को हटाने का आदेश देने से इनकार कर दिया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अनंतकाल के लिए किसी सार्वजनिक रास्ते को बंद नहीं किया जा सकता है, लेकिन साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत ने इस बारे में पुलिस और सरकार को नोटिस भेजा है और उनसे एक हफ्ते में जवाब मांगा, इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।
शाहीन बाग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस और सरकार को नोटिस भेजा। एक हफ्ते में जवाब मांगा। अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि बहुत लंबे वक्त से प्रदर्शन चल रहा है। ऐसे सड़क को कैसे रोक सकते हैं?#ShaheenBaghProtest #SupremeCourt pic.twitter.com/uQKIZEHM1r
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) February 10, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर इतने दिनों इंतजार किया है तो एक हफ्ता और भी कर सकते हैं। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस के.एम. जोसेफ की बेंच ने कहा कि इस मामले में पुलिस और सरकार को पक्षकार बनाया गया है, ऐसे में उनकी बात सुनना जरूरी है। सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि बहुत लंबे वक्त से प्रदर्शन चल रहा है। ऐसे सड़क को कैसे रोक सकते हैं? विरोध करें लेकिन इसके लिए सार्वजनिक जगह का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। जस्टिस एस के कौल ने टिप्पणी की कि सड़क को प्रदर्शन के लिए जाम नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि शाहीन बाग में लगातार हो रहे धरना प्रदर्शन की वजह से यातायात काफी प्रभावित हो गया है, शाहीन बाग इलाके में सड़कें बंद हैं, वहां पुलिस का कड़ा पहरा है, जिससे वहां रहने वालों और उधर से गुजरने वालों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है, इसलिए इस प्रदर्शन को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर आज सुनवाई हुई।