Green Hydrogen: पर्यावरण संरक्षण, क्लाइमेट चेंज और भविष्य में ऊर्जा की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अब ग्रीन हाइड्रोजन के विकल्प पर सरकार ध्यान दे रही है।बुधवार को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी भी दे दी है।इसका मकसद पेट्रोल-डीजल जैसे जीवश्म ईंधन पर निर्भरता खत्म करते हुए देश को स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन का केंद्र बनाना है।जानकारी के अनुसार देश में ही ग्रीन हाइड्रोजन हब का विकास किया जाएगा।इसके तहत ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादक और उपभोक्ताओं को एक ही जगह लाया जाएगा, ताकि ढुलाई खर्च भी न बढ़े।
मालूम हो कि 15 अगस्त 2021 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाइड्रोजन मिशन का ऐलान किया था।इसके तहत आने वाले समय में ग्लोबल वार्मिंग को ध्यान में रखते हुए ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी क्रम में वर्ष 2030 तक करीब 51 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन बढ़ाया जाएगा।

Green Hydrogen: मंत्रालय जारी करेगा निर्देश
Green Hydrogen: इसके लिए बाकयदा नवीन एवं नवीनीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय योजना के क्रियान्वयन को लेकर निर्देश जारी करेगा।इसके जरिये ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में करीब 5 करोड़ टन की कमी आएगी।
जानिए कैसे बनेगी Green Hydrogen ?
इसे बनाने के दो तरीके हैं।पहले में पानी का इलेक्ट्रोलिसिस कर पानी में से बिजली को गुजारा जाता है।दूसरा प्राकृतिक गैस से हाइड्रोजन और कार्बन को तोड़ लिया जाता है। इलेक्ट्रोलिसिस में स्वच्छ ऊर्जा इस्तेमाल हुई है,तो उससे बनने वाली हाइड्रोजन ग्रीन कहलाएगी।
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