बढ़ती गर्मी का असर, 75 फीसदी सूख गई इटली की सबसे बड़ी नदी PO, जानिए वजह

PO River: आलम ये है कि करीब 196 फीट लंबा क्रूज जिसपर कभी 400 लोग नौवहन का आनंद उठाते थे। वो अब खड़ा है। इस समय नदी का बहाव 92 हजार गैलन प्रति सेकेंड है।

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PO River Dray News Italy
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PO River: ग्‍लोबल वार्मिंग और भीषण गर्मी धरती के लिए खतरा बनती जा रही है।इसका असर अब दुनिया के जलस्‍तोत्रों पर भी दिखने लगा है।इटली की सबसे लंबी नदी PO है। पिछले साल से यहां वाटर लेवल गिरना शुरू हो गया। इसके बाद से ही नदी लगातार सूखती चली जा रही है।

आलम ये है कि 75 फीसदी हिस्‍से का पानी पूरी तरह से सूख चुका है।यहां की स्‍थानीय एनवायरमेंट एजेंसी ने कहा कि यह जलवायु परिवर्तन और ग्‍लोबल वार्मिंग की वजह से हो रहा है।

पो नदी की लंबाई 652 किलोमीटर है। यह उत्तरपश्चिम में स्थित तूरिन शहर से लेकर वेनिस के पूर्वी तट तक जाती है।हालांकि नदी सूखने की एक वजह PO नदी का रास्‍ता बदलना भी बताया जा रहा है। ऐसे में इस नदी से गुजरने वाले क्रूज बंद कर दिए गए।

PO River Dry News
PO River Italy.

PO River: नदी लापता हुई

PO River: इस नदी पर बने बोरेटो ब्रिज के नीचे दिवारी शिप डॉक के चारों तरफ सिर्फ रेत ही रेत बची है। ऐसे में नदी लापता हो गई है।आलम ये है कि करीब 196 फीट लंबा क्रूज जिसपर कभी 400 लोग नौवहन का आनंद उठाते थे। वो अब खड़ा है। इस समय नदी का बहाव 92 हजार गैलन प्रति सेकेंड है।ऐसे में बहुत से पर्यावरणविदों का कहना है कि अगर जल्‍दी बारिश नहीं हुई तो गर्मी में ये नदी बुरी तरह से सूख जाएगी। ऐसे में नदी पर परिवहन पूरी तरह से बंद हो जाएगा।लोगों को मजबूरन लंबी दूरियां तय करनी पड़ेगी।

PO River: व्‍यापार से लेकर सैर-सपाटा हुआ बंद

PO River:पो नदी सूखने के बाद यहां पर होने वाला उदयोग भी प्रभावित हुआ है। नदी के चारों तरफ आबादी घनी है।कई उद्योग भी यहां संचालित हैं।इसके साथ ही देश का सबसे ज्यादा खेती-बाड़ी वाला इलाका इसी नदी के किनारे-किनारे मौजूद है। जिसे इटली की फूड वैली भी कहते हैं।

इतना ही नहीं यहां पर होने वाला मछली व्‍यापार भी कम हो गया है। पो नदी में ही प्रसिद्ध झील गार्डा और कोमो से पानी आता था। लोग यहां पर छुट्टियां मनाने आते थे, लेकिन अब सब बंद हो गया है।

PO River:सिंचाई और बिजली उत्‍पादन प्रभावित

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PO River.

PO River:पिछले कई वर्षों से ये देखने में आया है कि एल्‍प्‍स के पहाड़ों से जो बर्फ पिघलती थी।उससे ही पो नदी का पानी मिलता था।इसके साथ ही दक्षिणी और पश्‍चिमी यूरोप की कई नदियों को पानी की सप्‍लाई होती थी।

आलम ये है अब बर्फ बच ही नहीं रहा है, ऐसे में नदियों को पानी कहां से मिलेगा। यही वजह है कि यहां की सिंचाई और बिजली उत्‍पादन भी प्रभावित हो रहा है।

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