कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एरोनेटिक्स लिमिटेड(एचएएल) को एक लाख करोड़ रुपये का काम देने संबंधी बात कहकर संसद को गुमराह किया है और खुद अब स्वीकार कर रही हैं कि कंपनी को महज 26 हजार करोड़ रुपये का ही काम दिया गया है। गांधी ने संसद भवन परसिर में सोमवार को पत्रकारों से कहा कि सीतारमण ने अपने एक बयान में कहा है कि एचएल को सरकार ने 26,270.80 करोड़ रुपये का काम दिया है और शेष 73,000 करोड़ रुपये का काम दिया जाने वाला है।
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उन्होंने कहा कि सीतारमण में शुक्रवार को लोकसभा में राफेल मुद्दे पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि इस कंपनी को मजबूत बनाया गया है और सरकार ने उसे एक लाख करोड़ रुपये का काम दिया है। सीतारमण के दोनों बयानों से साफ है कि रक्षा मंत्री ने संसद में झूठ बोला है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने ढाई घंटे तक संसद में भाषण दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि रक्षा मंत्री के अधिकारियों ने राफेल विमान सौदे की प्रक्रिया पर सवाल उठाये थे।
सरकार कुछ छिपा रही है इसलिए जेपीसी नहीं बना रही : कांग्रेस
कांग्रेस ने राफेल विमान सौदे में सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाते हुये कहा कि इस खरीद में गड़बड़ी हुई है और सरकार कुछ छिपाना चाहती है इसीलिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन नहीं किया जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने संसद भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी लगातार इस मुद्दे पर जेपीसी गठन की माँग कर रही है। इसमें अगर कुछ गड़बड़ी नहीं हुई है तो सरकार को जेपीसी पर एतराज नहीं होना चाहिए क्योंकि समिति की जाँच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। भाजपा की बहुमत की सरकार और जेपीसी में उसी के सदस्य ज्यादा होंगे। बावजूद इसके जेपीसी गठित नहीं की जा रही। इससे संदेह होता है कि जरूर कुछ है जिसे छिपाया जा रहा है।
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पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि राफेल में गड़बडी हुई है। यह शिकायत उनसे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी की थी। राफेल सौदे में जहां जहां गड़बडी हुई है उसको लेकर सरकार के समक्ष कांग्रेस ने कई सवाल खड़े किये हैं, लेकिन उनका जवाब नहीं दिया जा रहा है। सरकार एक झूठ को छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने पर उतारू है। उन्होंने कहा कि इस तरह के भ्रष्टाचार में बचा नहीं जा सकता और वह जितना भागेंगे उतना ही फँसेंगे। इसलिए जेपीसी का गठन किया जाना आवश्यक है।