देश की सबसे विश्वसनीय और बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई पर भी अब भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे हैं। ऐसे में मोदी सरकार कटघरे में है। यहां तक की सरकार द्वारा की गई कार्रवाई भी अब नाकाफी बताई जा रही है। इसके अलावा इस मामले के तार कहीं और भी जोड़कर देखे जा रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुप्पी तोड़ते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया गया क्योंकि वह राफेल घोटाले के कागजात इकट्ठा कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर बीजेपी एक अपने नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी मोदी सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है।
CBI चीफ आलोक वर्मा राफेल घोटाले के कागजात इकट्ठा कर रहे थे। उन्हें जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया गया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 24, 2018
प्रधानमंत्री का मैसेज एकदम साफ है जो भी राफेल के इर्द गिर्द आएगा- हटा दिया जाएगा, मिटा दिया जाएगा।
देश और संविधान खतरे में हैं।
स्वामी ने ट्वीट कर कहा, ”सीबीआई में क़त्लेआम के खिलाड़ी अब ईडी के अधिकारी राजेश्वर सिंह का निलंबन करने जा रहे हैं ताकि पीसी के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दाखिल ना हो। अगर ऐसा हुआ तो भ्रष्टाचार से लड़ने की कोई वजह नहीं है, क्योंकि मेरी ही सरकार लोगों को बचा रही है। ऐसे में मैंने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जितने मुक़दमे दायर किए हैं सब वापस ले लूंगा।”
The players in the CBI massacre are about to suspend ED’s Rajeshwar so that he cannot file the chargesheet against PC. If so I will have no reason to fight the corrupt since my govt is hell bent on protecting them. I shall then withdraw from all the corruption cases I have filed.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) October 24, 2018
बता दें कि केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई में शीर्ष के दो अधिकारियों की लड़ाई में बुधवार सुबह नया मोड़ आया। केंद्र सरकार ने सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया। इससे पहले मंगलवार को आलोक वर्मा ने अपने जूनियर राकेश अस्थाना से सारी ज़िम्मेदारियां छीन ली थीं। राकेश अस्थाना सीबीआई में दूसरे नंबर पर थे। अस्थाना के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने एफ़आईआर दर्ज कराई है, लेकिन अस्थाना ने आलोक वर्मा पर भी रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।