भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की आर्थिक तरक्की और विकास के बारे में किसी को बताने की जरूरत नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद आज भारत कहां है और पाकिस्तान कहां ये सारी दुनिया जानती है। शायद इसी बात को पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी स्वीकारा है और देश के टॉप ब्यूरोक्रेट्स को संबोधित करते हुए कहा कि हम कर्ज के जाल में फंसे हैं जिससे देश की अर्थव्यवस्था बदहाल है और देश चलाने के लिए पैसा नहीं है।
इमरान खान पिछली सरकारों पर आक्रामक होते हुए बोले कि उन्होंने नुकसान होने वाले प्रोजेक्ट को लेकर देश के साथ घाटे का सौदा किया और पाकिस्तानी अवाम के साथ भी धोखा किया है। उन्होंने पिछली सरकारों को नुकसान पहुंचाने वाली परियोजनाओं में निवेश करने से पाकिस्तान को कर्ज के जाल में लाने के लिए दोषी ठहराया।
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान अब ऐसे मुहाने पर खड़ा है कि जहां से अगर हमने अपना रास्ता नहीं बदला तो आगे तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ेगा। देश के आर्थिक घाटे को लेकर इमरान पहले भी चिंता जता चुके हैं और उन्होंने आते ही फिजूलखर्जी पर रोक लगाने की बात कही है। कि ‘हो सकता है खुदा ने यह संकट पैदा किया होगा, क्योंकि वह हमें बदलना चाहते हैं।’ इमरान ने ब्यूरोक्रेट्स को आश्वासन दिया कि वह उन्हें काम की आजादी देंगे और दबाब से बचायेंगे। उन्होंने ब्यूरोक्रेट्स से पाकिस्तान को इस संकट से उबारने के लिए आगे आने और इस दिशा में काम करने के लिए भी निर्देशित किया। इमरान खान ने कहा है कि हमें देश को कर्ज से बाहर निकालने की जरुरत है। इमरान ने आगे कहा कि जब सरकार को लोगों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, तो लोगों को भी सरकार को इस स्थिति से उबरने में मदद के लिए आगे आना चाहिए।