बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला ने सुप्रीम कोर्ट में मोबाइल टावर से होने वाले रेडिएशन पर नियंत्रण की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है जिसमें जूही चावला की तरफ से उनके वकील ने इस मामले पर बांबे हाईकोर्ट में लंबित उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग थी जिस पर शुक्रवार को कहा की अभिनेत्री जूही चावला तथा अन्य लोगों द्वारा दाखिल की गई याचिका पर जिसमें जस्टिस रंजन गोगोई, नवीन सिन्हा और के एम जोसेफ वाली बैंच द्वारा सोमवार को सुनवाई की जाएगी।
जूही चावला ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपनी याचिका दाखिल की थी जिसको स्थानांतरित कराने के लिए वह सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा, हाईकोर्ट ने कहा है कि चूंकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है तो वहां से सुनवाई के बाद फैसला आने के बाद ही उनकी याचिका को लिया जाएगा। जूही चावला ने अपनी याचिका में मोबाइल टोवरों से निकलने वाले हानिकारक विकरणों से होने वाली स्वास्थ्य खतरों के बारे में चिंता जाहिर करते हुए रेडिएशन को कम करने के लिए उनका नियमन तय किए जाने की अपील की है।
बता दे, की जूही चावला ने इससे पहले मोबाइल फोन की 5जी तकनीक को लेकर चिंता जताते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को फरवरी 2018 में एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने मोबाइल टावरों और वाईफाई हॉटस्पॉट से निलकने वाली हानिकारक रेडिएशन के कारण लोगों के स्वास्थ्य को हो रहे नुकसान के बारे में चेताया था। जूही का कहना था कि लोगों के स्वास्थ्य पर मोबाइल टावरों से निकलने वाली रेडियोफ्रिक्वेंसी (रेडिएशन) के हानिकारक प्रभावों का विश्लेषण किए बिना इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने नई तकनीक पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि क्या इस नई तकनीक का पर्याप्त शोध किया गया है? इसके अलावा जूही चावला ने अपने पत्र में तमाम बातें कहते हुए लिखा, नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के कई वैज्ञानिकों, महामारी एक्सपर्ट और टेक्नॉलोजी के प्रोफेसर्स ने मानव स्वास्थ्य पर रेडियोफ्रिक्वेंसी रेडिएशन के होने वाले हानिकारक प्रभावों का उल्लेख किया है। जिसको 5जी तकनीक पर लागू करने पर बिना सोच विचार के ही काम करना शुरू कर दिया है उन्होंने लिखा कि इस तकनीक को लागू करने के लिए क्या पर्याप्त शोध हुआ है अगर हुआ है तो क्या उस शोध को प्रकाशित किया जाएगा।