झारखंड के CM Hemant Soren की विधनसभा सदस्यता रद्द की जा सकती है। आपको बता दें, केन्द्रीय चुनाव आयोग ने राज्यपाल को एक पत्र भेजा है जिसमें आयोग ने सोरेन पर एक खान अपने नाम करवाने के मामले में एक्शन लेने की सिफारिश की है। इस मामले की पूरी जांच चुनाव आयोग कर रहा था और 18 अगस्त को इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब आयोग ने अपनी राय राज्यपाल को भेज दी है और संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने के मामले में अंतिम फैसला राज्यपाल को करना होगा।
CM Hemant Soren Disqualification: क्या है पूरा मामला?
दरअसल, CM Hemant Soren पर आरोप लगा है कि सीएम पद पर होने के बाद भी उन्होंने खुद को और अपने भाई को खनन पट्टा जारी किया था। आपको बता दें, जिस समय हेमन्त सोरेन ने ऐसा किया था उस दौरान उनके पास खनन मंत्रालय भी था। ईडी ने हाल ही में खनन सचिव पूजा सिंघल को भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कर लिया है जिन्होंने उस वक्त भी खनन का लाइसेंस जारी किया था।
सदस्यता रद्द करने की मांग
बीजेपी ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9A का हवाला देते हुए हेमंत सोरेन की सदस्यता समाप्त करने की मांग की जा रही है। सोरेन परिवार पर शैल कंपनी में निवेश कर संपत्ति अर्जित कर करने का भी आरोप है।
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आपको बता दें, झारखंड मुक्ति मोर्चा अब हेमंत सोरेन के विकल्प को लेकर भी विचार कर रही है। लेकिन आशंका है कि यह सीएम पद उनके परिवार के पास ही रहेगा। बीजेपी ने दावा किया है कि वो सीएम पद के लिए अपनी पत्नी कल्पना सोरेन का नाम दे सकते हैं।
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