Delhi News: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के पूर्व रसोइये को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपी ने कुछ ही दिनों में बीएसएफ की नौकरी छोड़ दी थी क्योंकि उसको अमीर बनना था। लेकिन अमीर बनने के लिए उसने ठगी का रास्ता अपनाया। 2008 से 2011 तक आरोपी ने लगभग 100 करोड़ की ठगी कर दी है। राजस्थान पुलिस लगभग 49 मामलों में आरोपी ओमा राम की तलाश कर रही थी। पुलिस को चकमा देने के लिए आरोपी ओमा राम अलग-अलग नाम से अलग-अलग शहरों में रहता था। अब 6 महीने की कोशिश के बाद दिल्ली पुलिस आरोपी ओमा राम को गिरफ्तार करने में कामयाब हो गई है।

Delhi News: क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ओमा राम साल 2004 में बीएसएफ के रसोइये की नौकरी करता था लेकिन उसको कुछ ही दिनों में अमीर होना था जिसकी वजह से उसने यह नौकरी छोड़ दी। इसके बाद उसने साल 2007 में अपनी एक सिक्योरिटी कंपनी खोली और 60 लोगों की भर्ती की। इसके बाद उसने ये कंपनी बेच कर साल 2007 में एक कंपनी में एजेंट के तौर पर नौकरी शुरू की। यहां उसने करोड़ों रुपये कमाए और इसके बाद अपनी लिमिटेड कंपनी खोलकर खुद मैनेजिंग डायरेक्टर बन गया।
इस लिमिटेड कंपनी में वो नए लोगों को कमीशन देता और जोड़ता जाता। इसमें सभी सदस्यों को 4,000 रुपये जमा करने होते थे जिसके बदले में उन्हें एक सफारी शूट दिया जाता था। इसमें स्कीम भी दी गई थी 1 साल तक लगातार हर महीने 2 लाख से ज्यादा बिजनेस देने वाले को एक बाइक भी गिफ्ट की जाएगी। कुछ समय बाद इसने मेंबर्स को कमीशन देना बंद कर दिया और 100 करोड़ का चूना लगाकर वहां से भाग गया। इसके बाद साल 2011 में इस पर क्रिमिनल केस दर्ज किया गया।
इसके बाद वो भागकर इंदौर चला गया जहां उसने राम मारवाड़ी के नाम से अपनी नई पहचान बनाई। यहां उसने कोऑपरेटिव सोसाइटी शुरू की जिसमें नुकसान होने के बाद वो दिल्ली आ गया और उसने प्रोपर्टी डीलिंग का काम शुरू कर दिया। इसके बाद उसने 2018 में ग्रॉसरी स्टोर खोला। साल 2020 में उस पर रेप चार्ज भी लगा और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

Delhi News: कुछ समय बाद साल 2021 में दोबारा इंदौर शिफ्ट हो गया और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म शुरू किया। इस बार उसकी साजिश थी कि वो दोबारा लोगों को ठगे लेकिन तब तक दिल्ली पुलिस को इस बात की सूचना मिल गई और उसे मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।
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