US Abortion Laws: अमेरिका की सर्वोच्च अदालत ने गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को खत्म कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इसी बीच, कोर्ट के इस आदेश के बाद कई अमेरिकी कंपनियां आगे आई हैं और उनका कहना है कि अगर कंपनी की महिला कर्मचारियों को गर्भपात सेवाओं के लिए देश से बाहर जाना पड़ा तो इसमें उनकी मदद करेंगी।
US Abortion Laws: क्या-क्या बेनिफिट दे रही हैं कंपनियां
Amazon: अमेज़ॉन ने ऐलान किया है कि वो अपने कर्मचारियों के वैकल्पिक गर्भपात सहित चिकित्सा उपचार के लिए वार्षिक यात्रा खर्च में $ 4,000 तक का भुगतान करेगा।
Apple Inc: ऐप्पल इंक ने भी ऐलान किया है कि अगर उसके कर्मचारियों के Hometown में चिकित्सा देखभाल सेवा उपलब्ध नहीं है तो उसकी मौजूदा स्वास्थ्य योजना कर्मचारियों के गर्भपात देखभाल और यात्रा खर्च को कवर करती है।
Microsoft: वहीं माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपने संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने कर्मचारियों के लिए कहा है कि वो अपने कर्मचारियों के लिए गर्भपात और लिंग-पुष्टि देखभाल सेवाओं का विस्तार करेगा। इसमें उनका यात्रा खर्च भी शामिल होगा।
Netflix: नेटफ्लिक्स ने कहा कि वह अपने हेल्थ प्लान के तहत अमेरिकी कर्मचारियों और उनके आश्रितों को यात्रा खर्च देगा जो कैंसर के इलाज, प्रत्यारोपण, गर्भपात और लिंग-पुष्टि देखभाल (gender-affirming) के लिए दूसरे राज्यों की यात्रा करते हैं।
बता दें कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात को कानूनी तौर पर मंजूरी देने वाले पांच दशक पुराने ऐतिहासिक रो बनाम वेड फैसले को पलट दिया है। ऐसे में अब अमेरिकी महिलाओं के लिए गर्भपात के हक का कानूनी दर्जा खत्म हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि संविधान गर्भपात का अधिकार प्रदान नहीं करता है।
US Abortion Laws: क्या है रो बनाम वेड फैसला ?
दरअसल, अमेरिका के कई राज्यों में पहले भी गर्भपात गैरकानूनी माना जाता था और ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़े एक्शन भी लिए जाते थे। गर्भपात को कानूनी मान्यता की मांग का मामला सबसे पहले 1969 में सामने आया जब 22 साल की जेन रो उर्फ मैककॉर्वी तीसरी बार गर्भवती हुईं। वो अविवाहित और बेरोजगार थीं, इसलिए अपना तीसरे गर्भ को हटवाना चाहती थीं। उस दौरान टेक्सास में गर्भपात पर रोक थी जिस वजह से जेन रो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
जिसके बाद गर्भपात कराने की मांग को लेकर जेन रो ने जब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की तो इसके विरोध में टेक्सास के डलास काउंटी में सरकारी वकील हेनरी वेड को बहस करने के लिए भेजा गया। इस तरह कोर्ट में इस मामले को ‘रो बनाम वेड’ नाम से जाना जाने लगा, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जेन रो के पक्ष में एतिहासिक फैसला सुनाते हुए गर्भपात को कानूनी मान्यता दे दी।
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