Road Hypnosis: लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों को रोकने,इसकी वजह जानने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।इसी क्रम में परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा अभियान की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है। जिसमें बढ़ते सड़क हादसों की मुख्य वजह रोड हिप्नोसिस को बताया गया है।यानी एक ऐसी अवस्था जिसमें चालक की आंखें तो खुली होती हैं लेकिन दिमाग अक्रियाशील हो जाता है।सड़क पर चीजों का सही विश्लेषण नहीं हो पाता फलस्वरूप सीधी टक्कर वाली दुर्घटना हो जाती है।
कुछ दिनों पूर्व उत्तराखंड में एक बस हादसे की दर्दनाक घटना सुनने को मिली थी। इस घटना में बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।इस घटना के बाद से ही परिवहन विभाग की ओर से लगातार हादसों को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
Road Hypnosis: जानिये हादसे की मुख्य वजह
सम्मोहन की स्थिति में दुर्घटना के 15 मिनट तक ड्राइवर को न तो सामने के वाहनों का आभास होता है। न ही अपनी गति का। जब 120-140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टक्कर होती है। इसके भयानक दुष्परिणाम सामने आते हैं।
सम्मोहन की स्थिति से बचने के लिए हर ढाई-तीन घंटे ड्राइविंग के पश्चात रुकना चाहिए। हमेशा स्वस्थ्य महसूस होने के बाद ही वाहन चलाएं।
Road Hypnosis: हिप्नोसिस से बचने का तरीका
वाहन चालक को थकान का अनुभव नहीं होना चाहिए। यात्रा लगातार करने की बजाय बीच में कहीं पर रुकें। चाय-कॉफी पियें, 5-10 मिनट आराम करें और मन को शांत करें।
ड्राइविंग के दौरान स्थान विशेष और आते कुछ वाहनों को याद करते चलें। अगर आप महसूस करें कि पिछले 15 मिनट का आपको कुछ याद नहीं है।
इस बात का संकेत है कि आप खुद को और यात्रा कर रहे अन्य यात्रियों को मौत के मुंह में ले जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में गाड़ी को रोककर विश्राम करें।
अक्सर रोड हिप्नोसिस रात के समय होता है जब अन्य यात्री सो या ऊंघ रहे होते हैं। ऐसे में बेहद गंभीर दुर्घटना हो सकती है।ड्राइवर को झपकी आ जाए या नींद आ जाए तो दुर्घटना को कोई नहीं रोक सकता, लेकिन आंखें खुली हों तो दिमाग का क्रियाशील होना अतिआवश्यक है। ध्यान रखें, सुरक्षित रहें, सुरक्षित ड्राइविंग करें।
संबंधित खबरें