Supreme Court: सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर ही ज्यूडिशियल विस्टा बनाने की मांग से संबंधित एक याचिका कोर्ट में दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि इस मामले पर अपना पक्ष रखे कि केंद्र सरकार इस मामले पर सोचता है। कोर्ट ने कहा कि एक या दो दिन में SG इसपर अपना पक्ष रखे, इसके बाद सुनवाई होगी। कोर्ट ने भी जुडिशल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर सहमति जताते हुए कहा कि सेंट्रल विस्टा की तरह ही ज्यूडिशियल विस्टा भी होना चाहिए। उन्होंने ने कहा कि चीजें सुनियोजित होनी चाहिए।
SCBA सचिव अर्धेंदुमौली प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट के पास ज्यूडिशियल विस्टा के निर्माण किए जाने की मांग की थी। इसके साथ देशभर में न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सरकार द्वारा विशेष रूप से एक स्वतंत्र केंद्रीय प्राधिकरण की स्थापना की भी मांग उठाई है।
Supreme Court: केस की बढ़ती संख्या के साथ बढ़ रहे लोग
शीर्ष अदालत के वकील अर्धेंदुमौली प्रसाद की तरफ से ज्यूडिशियल विस्टा की मांग को लेकर एक याचिका दाखिल की है। जिसमें कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय में जिस तरह से केस बढ़ रहे हैं, उसके अनुपात में लोग भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में अधिक जगह की आवश्यकता है।
याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत में जज, वकील और फरियादियों के लिए जगह अब कम पड़ने लगी है। इसलिए मल्टी लेवल कोर्ट रूम, मल्टी लेवल एडवोकेट चैंबर, अंडरग्राउंड पार्किंग आदि की व्यवस्था करने की आवश्यकता है।
लिहाजा सरकार इस परियोजना के लिए एक स्वतंत्र अधिकरण सरकारी खर्च यानी कंसोलिडेटेड फंड से बनाए। इसकी देखरेख में न्यायिक परिसर का विकास किया जाए। याचिका में मांग की गई है कि सर्वोच्च न्यायालय के आसपास संसद भवन की तर्ज पर ज्यूडिशियल विस्टा बनाई जाए, ताकि आने वाले समय में लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
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