Karnataka High Court: कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने मंगलवार को कहा कि वह राज्य के कई कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए संविधान का पालन करेगा और जुनून या भावनाओं से प्रभावित नहीं होगा। जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने कहा कि “संविधान मेरे लिए भगवद गीता है। मैंने संविधान का पालन करने की शपथ ली है। आइए भावनाओं को एक तरफ रखें।”
Karnataka High Court में उडुपी के सरकारी जूनियर कॉलेज की पांच लड़कियों ने याचिका दायर की
उडुपी के सरकारी जूनियर कॉलेज की पांच लड़कियों ने Karnataka High Court में याचिका दायर की है। उन्होंने कॉलेज में हिजाब पहनने पर रोक पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध संविधान के अनुच्छेद 25 में निहित धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। आज सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि कॉलेजों को यूनिफॉर्म तय करने की स्वायत्तता दी गई है। महाधिवक्ता ने यह भी कहा कि जो छात्र छूट चाहते हैं वे कॉलेज विकास समिति से संपर्क करें।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने तर्क दिया कि हेडस्कार्फ़ पहनना मुस्लिम संस्कृति का एक अनिवार्य हिस्सा है। राज्य सरकार ने 5 फरवरी को एक आदेश जारी कर राज्य के स्कूलों और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में अपने छात्रों के लिए उसके या निजी संस्थानों के प्रबंधन द्वारा निर्धारित वर्दी अनिवार्य कर दी थी। यह मुद्दा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है क्योंकि मुस्लिम लड़कियों का एक वर्ग कॉलेज में हिजाब पहनने पर अड़ा हुआ है, जबकि राज्य सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में कक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों के लिए वर्दी को अनिवार्य बनाने की बात कही है।
पिछले कुछ दिनों के दौरान ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां कुछ मुस्लिम छात्राओं को, हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी, और भगवा शॉल पहने हिंदू लड़कों को भी कक्षाओं में शामिल होने से रोक दिया गया था। इस बीच, उडुपी के मणिपाल में एमजीएम कॉलेज में मंगलवार को कैंपस में हिजाब और भगवा शॉल पहने छात्रों के दो समूहों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ नारे लगाने के बाद तनाव फैल गया। कॉलेज की छात्राओं के एक समूह ने बुर्का और हिजाब पहनकर कॉलेज में प्रवेश किया और हिजाब पहनने के अधिकार के समर्थन में नारे लगाते हुए परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
भगवा शॉल पहने लड़के-लड़कियां भी कॉलेज पहुंचे और जवाबी कार्रवाई में नारेबाजी की। कॉलेज के गेट पर स्टाफ ने ताला लगा दिया था, जबकि छात्रों के दोनों गुट गेट के पास इंतजार कर रहे थे। कॉलेज के प्राचार्य देवीदास नायक और टीचिंग स्टाफ ने छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन दोनों पक्षों ने मानने से इनकार कर दिया। मौके पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद हैं। छात्र समूह ‘हमें न्याय चाहिए’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगा रहे हैं। कॉलेज प्रबंधन जिला प्रशासन से बात कर रहा है।
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