JNU के Vice Chancellor Mamidala Jagadesh Kumar को आज यानी 4 फरवरी को UGC (University Grants Commission) का चेयरमैन बना दिया गया है। इस बात की घोषणा Ministry Of Education (MoE) की तरफ से की गई है। UGC के सचिव का पद 7 दिसम्बर से खाली था। दरअसल, प्रोफेसर DP Singh का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था जिसके बाद से ही UGC Chairman का पद खाली था। शिक्षा मंत्रालय ने यह भी बताया है कि JNU के Vice-Chancellor का पद अभी खाली है इसके लिए भी जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा।

कौन है UGC के नए Chairman M. Jagadesh Kumar?
Mamidala Jagadesh Kumar, JNU के पूर्व कुलपति है, जिन्होंने जनवरी, 2016 में इस पद की कमान संभाली थी। M. Jagadesh Kumar ने IIT Madras से Electrical Engineering में MS और PhD किया है। इनको Electronic Engineering से संबंधित क्षेत्रों में अपने ज्ञान के लिए काफी बार सम्मानित भी किया गया है। JNU के कुलपति बनने से पहले यह IIT Kharagpur में Assistant Professor और IIT Delhi में Associate Professor के रूप में काम कर चुके हैं। कुलपति के तौर पर प्रो. जगदीश कुमार का कार्यकाल काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है। हालांकि, इनके कार्यकाल में JNU में काफी बदलाव देखने को मिले हैं। प्रो. जगदीश कुमार का JNU का कार्यकाल 31 जनवरी, 2022 को समाप्त हो गया था।
उतार-चढ़ाव भरा रहा JNU का सफर
प्रो. जगदीश कुमार का JNU में कार्यकाल का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। JNU के कुलपति के रूप में कुमार का कार्यकाल विवादों से घिरा हुआ है, इसमें 2016 में इनकी नियुक्ति के कुछ समय बाद ही देशद्रोह विरोध से लेकर 2019 में JNU के दीक्षांत समारोह स्थल पर छह घंटे से अधिक समय तक फंसे रहने जैसी गतिविधियां शामिल हैं।

प्रो जगदीश कुमार, जिन्हें जनवरी 2016 में कुलपति बनाया गया था, उन्होंने अपनी नियुक्ति के एक सप्ताह बाद V.C के रूप में विवाद के बाद अपनी पहली छाप छोड़ी थी, जब छात्रों ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ एक कार्यक्रम आयोजित करने पर प्रशासन के साथ भिड़ गए थे।
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