World Health Organisation: विश्व कुष्ठ दिवस के मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन World Health Organisation की ओर से जारी रिपोर्ट ने देश में बेहतर हो रही स्वास्थ्य सेवाओं पर सवालिया निशान लगा दिया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार हर वर्ष कुष्ठ रोग Leprosy के करीब 2 लाख मामले सामने आते हैं। इनमें आधे से अधिक मामले भारत में पाए जाते हैं। डब्ल्यूएचओ ने ये डाटा विश्व कुष्ठ दिवस के मौके पर जारी किया है। संगठन ने रोग के खात्मे में आ रही अड़चन की वजह लोगों में इसके प्रति पूर्वाग्रह और भेदभाव बताया है। हैरत इस बात की है कि वर्ष 2005 में ही भारत को कुष्ठ रोग मुक्त देश (Leprosy Free Country) घोषित किया जा चुका है।

प्रतिवर्ष जनवरी के अंतिम सप्ताह में मनाते विश्व कुष्ठ दिवस World Leprosy Day
विश्व कुष्ठ दिवस हमेशा जनवरी के आखिरी रविवार को मनाया जाता है। वर्ष 1954 से विश्व कुष्ठ दिवस चलन में आया। फ्रांसीसी मानवतावादी राउल फोलेरेउ ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के रूप में इस दिन को चुना था। जिन्होंने कुष्ठ रोगियों के साथ बहुत काम किया। कुष्ठ रोग एक प्रकार का दीर्घकालिक जीवाणु संक्रमण है जो नसों, श्वसन नली, त्वचा और आंखों को नुकसान पहुंचाता है। रोगी प्रभावित अंगों में दर्द महसूस नहीं कर पाता है। जिससे चोटों या घावों की ओर उनका ध्यान नहीं जाता है और घावों की उपेक्षा होती है। इसके परिणामस्वरूप अंगों को नुकसान पहुंचता है।
भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया में सबसे अधिक मामले
World Health Organisation: कुष्ठ रोग के मामले भारत के अलावा ब्राजील और इंडोनेशिया में भी अधिक मिलते हैं। आज इस रोग का इलाज संभव है, लेकिन समय पर इलाज न मिलने, उचित चिकित्सा सुविधाओं की कमी और अज्ञानतावश रोगी ठीक नहीं हो पाते हैं। ऐसे में बेहद जरूरी है कि उनकी मदद की जाए। उनसे घृणा करने की बजाय अपनापन दिया जाए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2022 की थीम United For Dignity Theme रखी
वर्ष 2022 की थीम ‘यूनाइटेड फॉर डिग्निटी’ United For Dignity है। अभियान उन व्यक्तियों के जीवित अनुभवों का सम्मान करता है जिन्होंने अपनी सशक्त कहानियों को साझा कर कलंकमुक्त की जगह सम्मानजनक जीवन के अधिकार की आवाज उठाकर कुष्ठ रोग का अनुभव किया।
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