क्रिकेट में Mankading का रिश्ता पुराना है। लेकिन मांकडिंग से आउट करने के बाद क्रिकेट जगत में एक नया बवाल खड़ा हो जाता है। अंडर-19 विश्व कप के दौरान पापुआ न्यू गिनी और युगांडा के बीच प्लेऑफ सेमीफाइनल खेला गया। इस मुकाबले में एक मांकड़िंग देखने को मिला। जिसको लेकर बहस शुरू हो गई। मांकडिंग को लेकर युवराज सिंह और तबरेज शम्सी के बीच बहस शुरू हो गई। दोनों ने इसपर अपनी राय रखी है।
आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में हुआ Mankading से रन आउट
शुक्रवार को खेले गए आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में पापुआ न्यू गिनी और युगांडा के बीच मुकाबला खेला गया, जिसमें युगांडा के स्पिनर जोसेफ ने पापुआ न्यू गिनी के बल्लेबाज को मांकड तरीके से रन आउट कर दिया। पापुआ न्यू गिनी के बल्लेबाज जॉन केरिको नॉन स्ट्राइकर पर थे। 16वें ओवर की आखिरी गेंद पर जोसेफ ने जॉन केरिको को मांकड तरीके से रन आउट कर दिया। केरिको बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए।
क्रिकेट में एक बार फिर बल्लेबाज के Mankading आउट होने पर दो क्रिकेटरों में बहस शुरू हो गई। भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह और दक्षिण अफ्रीका के तबरेज शम्सी के बीच बहस शुरू हो गई। जहां युवराज को लगा कि गेंदबाज की यह नीति गलत है। वहीं शम्सी का मानना है कि गेंदबाज ने जो किया उसमें कुछ भी गलत नहीं है और उन्हें लगता है कि बल्लेबाज को गेंद फेंकने से पहले क्रीज के अंदर रहना चाहिए था।
युवराज ने आईसीसी के पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा कि यह बिलकुल गलत है। युवराज के इस कमेंट के बाद शम्सी ने कहा कि अगर गेंद फेंकने से पहले बल्लेबाज को क्रीज नहीं छोड़ना चाहिए था। इसमें कुछ गलत नहीं है। जब गेंदबाज गलती से लाइन पार करके नो बॉल देता है तो उसे दंडित किया जाता है और उसकी गेंद पर फ्री हिट दिया जाता है। तो फिर बल्लेबाजों को भी क्रीज के पीछे रहना चाहिए।
कब हुआ था Mankading शब्द का इस्तेमाल
‘Mankading’ शब्द का उपयोग ऑस्ट्रेलियन मीडिया ने 1947 में किया था। उस समय भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई थी। वहां पर वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन को एक नहीं, बल्कि दो-दो बार क्रीज से बाहर होने पर रन-आउट किया था। तब के ऑस्ट्रेलियाई कप्तान डॉन ब्रैडमैन ने मांकड़ के तरीके को सही ठहराया था मगर ऑस्ट्रेलियन मीडिया में मांकड़ की ‘खेल भावना के खिलाफ जाने’ पर खूब आलोचना करी गई।
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