Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पाइसजेट को बकाया भुगतान न करने पर बंद किए जाने के मामले में समापन आदेश (winding-up order) पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी है। मामला स्विट्जरलैंड स्थित स्टॉक कॉरपोरेशन को 24 मिलियन डॉलर का भुगतान न करने से जुड़ा है। निजी एयरलाइन स्पाइसजेट ने कहा कि वे क्रेडिट सुइस एजी के साथ मुद्दों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। स्पाइसजेट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि हम तीन सप्ताह का समय मांग रहे हैं। हम सुलह करने की कोशिश कर रहे हैं।
Supreme Court ने एयरलाइन को लगाई फटकार
हालांकि, भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने भुगतान में देरी पर एयरलाइन की खिंचाई की और पूछा कि आप स्पाइसजेट चलाना बंद करना चाहते हैं? यह आपकी एयरलाइंस चलाने का तरीका नहीं है। यदि आप नहीं चाहते हैं तो हम इसे दिवालिया घोषित कर देंगे। बता दें कि स्पाइसजेट ने पहले मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था।
स्पाइसजेट की 180 करोड़ की देनदारी पर दिए गए मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को स्पाइस जेट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें क्रेडिट सुइस के बकाया भुगतान में चूक के लिए स्पाइसजेट और परिसमापन प्रक्रिया को बंद करने का आदेश दिया गया था।
SpiceJet की स्टॉक में 30 फीसदी की गिरावट
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में गुड़गांव स्थित स्पाइसजेट का घाटा एक साल पहले की अवधि से बढ़कर 561 करोड़ से अधिक हो गया है। पिछले एक साल में एयरलाइन के स्टॉक में करीब 30 फीसदी तक की गिरावट आई है। एयरलाइन की निगेटिव नेटवर्थ 2014 के मुकाबले करीब है, जब यह परिचालन बंद करने वाली थी। बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट ने देनदारी मामले पर सुनवाई के बाद स्पाइसजेट लिमिटेड को बंद करने का आदेश दिया था, साथ ही कंपनी की संपत्ति का अधिग्रहण करने के लिए लिक्विडेटर नियुक्त करने का भी आदेश दिया था।
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