झारखंड (Jharkhand) के सिमडेगा के कोलेबिरा से सुबह सुबह ऐसी खबर आई जिसने सबको हिला कर रख दिया। यहां पर जंगल से पेड़ काटकर बेचने का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने एक युवक को बेरहमी से पीटकर अधमरा कर दिया और जिंदा ही जलाकर मार डाला। झारखंड में मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) पर कानून बनने के बाद यह पहली वारदात है।
Jharkhand में युवक Mob Lynching का शिकार हुआ
घटना बेसराजारा गांव के पास मंगलवार दोपहर 2 बजे के आस पास हुई। मॉब लिंचिंग के शिकार हुए युवक का नाम संजू प्रधान है। छपरीडीपा गांव के लोगों ने बताया कि संजू गांव वालों के लाख मना करने के बाद भी जंगल की लकड़ियों को काट कर बेच देता था। घटना पर मृतक की मां ने बताया कि बेटा जब कराह रहा था तब अधमरी हालत में ही घर की बाड़ी में लगी तख्तियों को काटकर भीड़ ने उसके बेटे को जिंदा जला दिया।
इस पूरी घटना को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि संजू प्रधान मनाही के बावजूद जंगल से लकड़ी काटकर बेच देता था। बंबलकेरा की ग्रामसभा ने उसे ऐसा करने से मना किया गया था। ग्रामसभा ने संजू को स्पष्ट चेतावनी दी और कहा था कि यह खूंटकटी क्षेत्र है। इसलिए बिना ग्रामसभा की अनुमति के वह पेड़ नहीं काटे।
Jharkhand में घटना वाले गांव में तनाव
तीन दिन पहले उसने फिर पेड़ काटा था। इसकी सूचना जब बंबलकेरा के ग्रामीणों को मिली तो मंगलवार की सुबह ग्रामसभा बुलाई गई। तीन घंटे चली बैठक के बाद ग्रामीणों ने संजू की हत्या कर इंसाफ करने का निर्णय लिया। इसके बाद गांव वाले जमा होकर मृतक के घर पहुंचे। उसे घर से घसीटते हुए बाहर निकाला और पीट पीटकर हत्या कर दी।
मॉब लिंचिंग पर सिमडेगा एसपी डा. शम्स तबरेज ने कहा कि घटना काफी गंभीर है। इसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद गांव को पूरी तरह से छावनी में बदल दिया गया है। पुलिस गांव में ही कैम्प कर रही है। घटना के बाद से गांव में तनाव है। सैकड़ों की संख्या में गांववाले भी जुटे हैं।
संबंधित खबरें: