गलवान घाटी (Galwan Valley) पर भारत का पड़ोसी देश चीन (China) ने एक बार फिर अपना दावा किया है। उम्मीद जताई जा रही थी कि नए साल के साथ दोनों देशों के बीच चल रहा गतिरोध भी पीछे छूट जाएगा। पर चीन ने साफ कर दिया कि वह रिश्तों में मिठास घोलने में कोई दिलचस्पी नहीं रखता है। चीन ने अपने कब्जे वाले गलवान घाटी में अपना राष्ट्रीय झंडा (National Flag) लहराते हुए घाटी को अपना बताया है।
Galwan Valley पर चीनी झंडा
नए साल के अवसर पर चीन ने भड़काने वाली कार्रवाई करते हुए Galwan Valley में झंडा फहराया और वीडियो को सोशल मीडिया पर ट्वीट किया है। चीन के सरकारी मीडिया से जुड़े शेन सिवेई (Shen Shiwei) ने वीडीयो को अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया है। उन्हों ने ट्वीट कर लिखा, साल 2022 गलवान घाटी पर चीन का राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया, ये झंडा बहुत खास है क्योंकि यही ध्वज कभी थियानमान चौक पर फहराया गया था।
इसके बाद चीन की सरकारी मीडिया समेत प्रोपगैंडा फैलाने वाले चीन के अन्य चैनलों ने सोशल मीडिया पर वीडियो को फैलाना शुरू किया। इसके साथ ही गलवान को अपना बता रहे हैं।
Galwan Valley पर भारत का तिरंगा अच्छा लगेगा
इससे पहले नए साल के दिन चीन ने पूर्व लद्दाख के डेमचोक और हॉट स्प्रिंग इलाके में भारतीय सैनिकों को उपहार दिया था। इस तस्वीर को देखने के बाद लग रहा था कि दोनों देशों के बीच सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा। पर चीन द्वारा जारी किए गए वीडियो को बाद साफ हो गया है। मामला इतना जल्दी नहीं सुलझने वाला है।
वीडियो को शेयर करते हुए सिवेई ने जिस थियानमान का जिक्र किया है वह चीन में स्थित वही जगह है जहां पर लोकतंत्र के समर्थक छात्रों पर गोलियों की बारिश की गई थी। इस घटना में हजारों की जान गई थी।
वीडियो सामने आने के बाद देश में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी चुप्पी तोड़िए। राहुल गाधी नें ट्वीट कर लिखा कि Galwan Valley पर हमारा तिरंगा ही अच्छा लगता है। चीन को जवाब देना होगा। मोदी जी, चुप्पी तोड़ो!
बता दें कि गलवान घाटी में साल 2020 में 15 जून को दोनों देश के सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी। चीनी सैनिक जबरन भारतीय सीमा में घूसने का प्रयास कर रहे थे इसी दौरान दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे वहीं चीन ने दावा किया था कि उनके पांच जवान मारे गए थे।
गलवान घाटी में हिंसक झड़प के सच को आठ महीने तक दबाए रखने और गलवान में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या को छिपाए रखने के बाद। फरवरी में चीन ने गलवान की हिंसक घटना का अर्धसत्य कबूल किया था। चीनी सैनिकों ने धोखे से घात लगाकर भारत के सैनिकों पर कटीले रॉड से हमला किया था।
भारत सरकार ने सीना तान कर स्वीकार किया कि उनके 20 जवान शहीद हो गए हैं। वहीं चीनी सरकार ने अपने जवानों को शहादत का दर्जा भी नहीं दिया। भारत के जवानों को वीरता पुरस्कार दिया गया था।
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