Allahabad High Court: राज्य सरकार द्वारा एक शासनादेश (Government Order) जारी किया गया है, जिसके अनुसार यदि प्रदेश पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव के तीस दिन के अंतर्गत मौत हुई है तो ही उनके परिजनों को अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए इस शासनादेश को Allahabad High Court में चुनौती दी गई है।
Report की तिथि को नहीं बनाया जा सकता आधार
याचिका महेश शर्मा द्वारा दी गई है। याचिकाकर्ता का कहना था कि प्रदेश सरकार ने 1 जून को शासनादेश जारी किया था, जिसमें पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले सरकारी कर्मचारियों जिनकी ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से 30 दिन के अंदर ही मृत्यु हो गई है, उन्हें 30 लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया है।
शासनादेश के प्रसंग 12 में कहा गया है कि चुनाव ड्यूटी की तिथि से 30 दिन के भीतर ही जिस कर्मचारी की कोविड से मृत्यु हुई है वो ही अनु्ग्रह राशि पाने के लिए पात्र माना जाएगा। वहीं याचिकाकर्ता का कहना था कि सरकार ने इसी शासनादेश में खुद स्वीकार किया है कि कई बार टेस्ट में भी कोरोना संक्रमण पकड़ में नहीं आता है। इसलिए याचिकाकर्ता ने दलील दी कि संक्रमित होने की रिपोर्ट की तिथि को आधार नहीं बनाया जा सकता है, ऐसा कोई मानक तय नहीं किया जा सकता कि चुनाव में कोरोना से संक्रमित होने वाले कर्मचारी की 30 दिन में मृत्यु हो ही जाएगी। कई बार मरीज की मृत्यु 40 दिन या उससे ज्यादा समय के बाद भी हो सकती है। ऐसे में 30 दिन की समय अवधि तय करना अस्वीकार्य है।
दरअसल याचिकाकर्ता की पत्नी बतौर शिक्षा मित्र काम करती थी। 29 अप्रैल 21 को उसकी पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगी थी। जहां वह कोरोना से संक्रमित हो गई। जिसके बाद 2 जून को उसकी मृत्यु हो गई। याचिकाकर्ता ने अनुग्रह राशि के भुगतान के लिए जिलाधिकारी को आवेदन किया, लेकिन उसका आवेदन अस्वीकार कर दिया गया और यह कहा गया चूंकि याचिकाकर्ता की पत्नी की मृत्यु 30 दिन के भीतर नहीं हुई है इसलिए याचिकाकर्ता को अनुग्रह राशि नहीं दी जा सकती है। इसी बात को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
Allahabad HC ने सरकार को चार सप्ताह में शासनादेश स्पष्ट करने को कहा
हापुड़ के सुभाष चंद्र की याचिका और कई अन्य याचिकाओं पर न्यायमूर्ति Ashwani Kumar Mishra और न्यायमूर्ति Vikram.D Chauhan की पीठ ने सुनवाई की। जिसके दौरन Allahabad High Court ने सरकार से पूछा है कि उसने यह कैसे तय किया कि चुनाव ड्यूटी करने के 30 दिन के भीतर ही जिनकी मौत हुई है वे ही चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमित हुए थे, क्या 31वें दिन मरने वाले को चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमित नहीं माना जाएगा। साथ ही कोर्ट ने प्रदेश सरकार को चार सप्ताह में याचिका पर अपने पक्ष को स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।
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