Devendra Fadnavis को अदालत से झटका लगा है। गलत चुनावी हलफनामे को लेकर आरोप तय हो गया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के 2014 में चुनावी हलफनामे में,आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाने के मामले में नागपुर (Nagpur) की एक अदालत ने देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। नागपुर की प्रथम श्रेणी अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट वीएम देशमुख द्वारा शनिवार को आरोप तय करने के बाद फडणवीस ने कहा कि वह दोषी नहीं हैं।
व्यक्तिगत पेशी से मांगी थी छूट
उनके खिलाफ एक वकील सतीश उके ने मुकदमा दर्ज कराया था। फडणवीस ने इस मामले में सीआरपीसी की धारा 205 के तहत इस मामले में आवेदन देकर कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी है। हालांकि कोर्ट की तरफ से उन्हें इसकी मंजूरी दे दी गयी है।
2 अपराधिक मामले को छिपाने का है आरोप
न्यायिय दंडाधिकारी वी.एम. देशमुख की अदालत में पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस पर आरोप तय किया गया है। इस मामले में अधिवक्ता सतीश उके ने याचिका दायर की थी। बीजेपी नेता पर आरोप है कि, विधानसभा चुनाव के लिए 26 सितंबर 2014 को देवेन्द्र फड़णवीस ने नामांकन प्रस्तुत किया था। इस नामांकन में कंडक्ट ऑफ इलेक्शन नियमावली 1961 के तहत निर्वाचन अधिकारी को दिए हलफनामें में दो आपराधिक मामलों को छिपाया गया है। इस अपराध के लिए जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 (अ) के तहत पूर्व मुख्यमंत्री पर मामला दर्ज कर मुकदमा चलाने की मांग की गई है।
न्यायालय में पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से अधिवक्ता उदय डबले ने आरोप पत्र को स्वीकार किया है। न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री को आरोप को लेकर कोई भी आपत्ति नहीं होने की लिखित जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया है।
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