Polllution: पूरे Delhi-NCR में प्रदूषण का स्तर काफी खतरनाक हालत में है। दिल्ली के जनपथ में वायु गुणवत्ता ‘खतरनाक’ स्तर पर दर्ज की गयी है। दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दो कारण बताए हैं: एक तेजी से पराली जलने की घटनाएं (Stubble Burning Incidents) और दूसरा दीपावली पर जलाए गए पटाखे।
अब प्रदूषण का स्तर बढ़ने के लिए पराली जलाने की घटनाओं को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है तो अमृतसर के किसान जो पराली जलाते हैं, वो इस काम को बंद करने के लिए तैयार हैं। हालांकि इसके लिए सरकार को उन्हें 7,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से पैसे देने होगें। एक किसान ने कहा, “हमें मज़बूरी के कारण पराली को आग लगानी पड़ती है, कोई भी किसान पराली नहीं जलाना चाहता।”
पटाखों पर बैन के बावजूद दीवाली पर जमकर आतिशबाजी
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर बैन के बावजूद दीवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई। जिसके बाद दिल्ली की वायु की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गयी। सुबह दिल्ली के जनपथ में प्रदूषण मीटर (पीएम) 2.5 की कंसंट्रेशन 655.07 थी। वहीं, गुरुवार को दिल्ली के प्रदूषण स्तर में पराली जलाने का योगदान बढ़कर 25 प्रतिशत हो गया जो इस मौसम का अब तक का सर्वाधिक स्तर है।
दिल्ली के आसमान में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। यहां कई लोगों ने गले में खुजली और आंखों में पानी आने की शिकायत की है। वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी का पिछले 24 घंटे का औसत एक्यूआई गुरुवार को 382 पर पहुंच गया, जो बुधवार को 314 था।
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