Supreme Court on Udhayanidhi Stalin : डीएमके नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को सनातन धर्म को लेकर विवादित टिपण्णी देने पर सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिककर्ता एक आम आदमी नहीं हैं, बल्कि एक राजनेता हैं, उन्हें नतीजों का एहसास होना चाहिए था। बता दें, उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से की थी। जिसके बाद देश के कई राज्यों में स्टालिन के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे। जिसके बाद उदयनिधि ने इन सभी मामलों को एक साथ जोड़ने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की।
कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा, “आपने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया और अब आप सुप्रीम कोर्ट से राहत मांग रहे हैं।”
सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछते हुए कहा, “आपने (उदयनिधि स्टालिन) 19 (1) ए और 25 के तहत अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। आप जानते हैं कि आपने क्या कहा है? आपको इसके नतीजों का एहसास होना चाहिए था, आप एक राजनेता हैं, कोई आम आदमी नहीं हैं।” मामले पर आगे शीर्ष अदालत ने कहा कि उदयनिधि को हाई कोर्ट का जाना चाहिए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अगले एक हफ्ते के लिए सुनवाई टाल दी है।
उदयनिधि स्टालिन के वकील ने क्या कहा?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सनातन पर विवादित बयान के मामले में उदयनिधि स्टालिन की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “वह दर्ज हुए केसों के तथ्यों पर टिप्पणी नहीं कर रहे, वे चाहते हैं कि एक मामले से जुड़े कई मुकदमों को जोड़कर सुनवाई हो।” उन्होंने आगे कहा, ” शीर्ष अदालत में ऐसा पहले भी कई दफा किया जा चुका है। सिंघवी ने आगे बताया कि कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार और जम्मू समेट 6 राज्यों में स्टालिन के खिलाफ FIR दर्ज हुई है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के सुझाव पर स्टालिन के वकील ने कहा, ‘इसका मतलब कि मुझे 6 अलग अलग हाई कोर्ट में जाना पड़ेगा, इसमें तो मैं बंध जाऊंगा। स्टालिन के वकील ने सभी मुकदमों को जोड़ने का आग्रह किया।