पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री Charanjit Singh Channi ने राज्य में बीएसएफ का दायरा 50 किमी तक बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसला का विरोध किया है। साथ ही उन्होंने सरकार के इस फैसले के खिलाफ लोगों और सभी पर्टियों को एकजुट होने को अह्वान किया है।
चरणजीत सिंह चन्नी ने सोशल मीडिया साइट Twitter पर Tweet किया, ” मैं पंजाब में BSF के अधिकार क्षेत्र को 50 किमी तक अतार्किक रूप से विस्तारित करने के भारत सरकार के सत्तावादी फैसले का कड़ा विरोध और निंदा करता हूं। इस एकतरफा कार्रवाई से पंजाब के लोग काफी आहत हैं। यह मोदी सरकार का अलोकतांत्रिक और संघीय विरोधी फैसला है। ”
केंद्र ने हाल ही में राष्ट्रीय सीमाओं के साथ-साथ पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम सहित तीन राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने का निर्णय किया था। केंद्र सरकार के इस नए फैसले का विपक्षी दल काफी आलोचना कर रहे हैं।
मुुद्दे को सुलझाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा
उन्होंने कहा कि पंजाब की संवैधानिक गरिमा और संघीय स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए इस लड़ाई में सभी पंजाबियों को एकजुट होना चाहिए। यदि आवश्यक हुआ तो हम इस मामले के समाधान के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे। उन्होंने इस लड़ाई में पंजाब के सभी राजनीतिक दलों से भी एक साथ काम करने का आग्रह किया और पंजाब को पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) को चेतावनी दी कि राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए इस संवेदनशील मुद्दे का दुरुपयोग न करें।
बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र कैसे बदल गया है?
गृह मंत्रालय ने 11 अक्टूबर को एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर जानकारी दी थी कि पड़ोसी देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करने वाले तीन राज्यों में बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया गया है। पंजाब में भारत-पाकिस्तान , असम और पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमाओं पर बीएसएफ के क्षेत्राधिकार का विस्तार किया गया है। बीएसएफ अधिनियम में संशोधन के बाद जो क्षेत्र बीएसएफ के 15 किलोमीटर के दायरे में था, अब इसे बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है।
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