Air pollution impacted puberty of girls : पूरे विश्व में वायु प्रदूषण करोड़ों लोगों की जान का खतरा बना हुआ है। विश्वभर में किए गए शोधों से पाया गया है कि वायु प्रदूषण से सांस की बीमारियों से लेकर हृदय रोग हो सकते हैं। अब हाल ही में एक रिसर्च से हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है। इस रिसर्च के अध्ययन में पाया गया है कि वायु प्रदूषण के कारण लड़कियों में समय से पहले ही युवा होने के लक्षण देखे गए हैं। यह रीसर्च एमोरी और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा की गई है। वैज्ञानिकों की मानें तो शोध में जिन स्थानों पर हवा में प्रदूषण की मात्रा ज्यादा पाई गई है वहां बच्चियों में माहवारी की शुरुआत कम उम्र में हुई है। बता दें, इस रिसर्च में 10 से 17 वर्ष की उम्र की 5,200 से ज्यादा बच्चियों के बारे में प्राप्त जानकारी को आधार बनाया गया है।
एमोरी और हार्वर्ड द्वारा की गई इस स्टडी के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि जिन जगहों पर हवा में प्रदूषण के छोटे-महीन कण देखे गए हैं और जहां पर प्रदूषण का स्तर अधिकतर ज्यादा रहा है वहां रहने वाली लड़कियों को कम आयु में ही महावारी शुरु हो जाती है।
हार्वर्ड वैज्ञानिकों की इस स्टडी के अनुसार, बच्चियों को माहवारी का पहला अनुभव 12 साल 3 माह की आयु में हुआ था। इस स्टडी के मुताबिक, जो लड़कियां जन्म से पहले या बचपन में चार माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा पीएम 2.5 कणों के संपर्क में आई, उनमें समय से पहले माहवारी की शुरुआत के आंकड़े अधिक नजर आए। बता दें, इस अध्ययन में ये लड़कियां 4.8 से 32.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पीएम 2.5 वाले वातावरण में रह रही थीं। बात अगर पीएम 10 की करें तो उसका औसत स्तर 21.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया था। वायु प्रदूषण से माहवारी का जल्दी शुरू होना एक चिंता का विषय है।
Emory and Harvard Study : अध्ययन में पता चली यह बड़ी बात
एमोरी और हार्वर्ड विश्वविद्यालयों द्वारा किए गए अध्ययन में यह भी पता चला है कि जिन बच्चियों में माहवारी की शुरुआत जल्द हो जाती है, उनमें आगे चलकर स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं पैदा होने की आशंका अधिक रहती है। इस अध्ययन के नतीजों से वैज्ञानिक यह भी बताते हैं कि माहवरी की जल्दी शुरुआत से इन लड़कियों में आने वाले वर्षों में, हृदय संबंधी रोग, मधुमेह, गायनिक बीमारियां और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
इस अध्ययन के वरिष्ठ शोधकर्ता प्रो.ऑड्रे गास्किन्स के अनुसार, जब लड़कियां कम उम्र की होती हैं तो वायु प्रदूषण उन पर गहरा असर डालता है और नुकसानदेह होता है। इनके अनुसार लड़कियां तेजी से हो रहे केमिकल बदलाव के कारण वातावरण में जो अनुभव करती हैं, वह ये निर्धारित करने में महत्वपूर्ण हो सकता है कि लड़कियां कितनी तेजी से बढ़ती हैं। बात को यदि सरलता से समझें तो प्रदूषण लड़कियों के शारीरिक विकास की सामान्य गति को प्रभावित करता है।
बता दें, इस शोध का अध्ययन अमेरिका की लड़कियों को लेकर किया गया है। जहां एक ओर इस शोध से वायु प्रदूषण से लड़कियों में समय से पहले माहवरी का पता चला है । वहीं स्टडी में इस बात पर जोर दिया गया है कि कारण की जड़ तक पहुचना जरूरी है। इसपर अधिक शोध करने की जरूरत है कि आखिर किस प्रकार वायु प्रदूषण लड़कियों में समय से पहले माहवारी की शुरुआत की वजह बन सकता है।
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