ट्विटर ने खुलासा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के वक्त रुसी मीडिया ने करीब 2000 विज्ञापन ट्विटर पर जारी किए थे। आशंका जताई जा रही है कि इसके द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप किया गया है।

दरअसल ट्वीटर ने खुलासा किया है कि 2016 इस सोशल मीडिया कंपनी ने मॉस्को सरकार से संबंधित एक टेलीविजन समूह के विज्ञापनों का सारा डाटा कांग्रेस जांचकर्ताओं के साथ साझा किया है। रूस सरकार समर्थित आरटी ने ट्विटर पर दिए इन विज्ञापनों पर करीब 18 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

हालांकि यह कोई नई बात नहीं है। इससे पहले फेसबुक ने भी ऐसी ही एक खुलासे की पुष्टि की थी। बता दें कि अमेरिकी चुनाव के वक्त फेसबुक ने कहा था कि रूस की कुछ कंपनियों ने अमेरिकी चुनाव नियमों को ताक पर रखते हुए सोशल मीडिया पर राजनीतिक सामग्री वाले विज्ञापन दिए थे।

इससे पहले ट्विटर में पब्लिक पॉलिसी के उपाध्यक्ष कोलिन क्रोवेल ने इस मामले की जांच कर रही अमेरिकी संसदीय समिति के अधिकारियों से भी मुलाकात की थी और इस मामले में बातचीत की थी। इस मामले के बाद ट्विटर का कहना है कि ‘फेसबुक ने जांच में करीब 450 अकाउंट को इस मामले से संबंधित पाया और इन 450 में से 22 के अकाउंट ट्विटर पर भी मौजूद थे। हम अमेरिका में मताधिकार के कानून में हस्तक्षेप के विषय में चिंतित हैं। इसलिए चुनाव के दौरान इस तरह के ट्वीट को हटा दिया गया था जिससे किसी की मताधिकार प्रक्रिया में हस्तक्षेप न हो सके।’

गौरतलब है कि 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में फेक न्यूज़ और पोस्ट ट्रुथ जैसे शब्दावलियां भी उछल कर आई थी। दुनिया में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी चुनाव के होने से पहले और होने के बाद भी इतना प्रोपगंडा चल रहा हो।

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