Turkiye: पश्चिम एशियाई देश तुर्किये में राष्ट्रपति पद के चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को करारी शिकस्त मिली है।उनके मुकाबले में 6 विपक्षी दलों की ओर से घोषित उम्मीदवार कमाल केलिकदारोग्लू को भी बहुमत नहीं मिल पाया है। बहुमत न मिलने पर अब तुर्किये में दोबारा राष्ट्रपति पद के चुनाव की संभावना है।
जानकारी के मुताबिक देश में 28 मई को फिर से चुनाव कराए जाएंगे। दोबारा चुनाव कराने की वजह काउंटिंग में कोई भी उम्मीदवार के 50% से अधिक वोट हासिल नहीं कर पाना है। जबकि, राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए 50% से अधिक वोट चाहिए। अनादोलू के शुरुआती परिणामों में तुर्की के मौजूदा राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन विपक्षी प्रतिद्वंद्वी कमाल केलिकदारोग्लू की तुलना में आगे थे, लेकिन फिर अंतर कम होता चला गया।
मालूम हो कि कमाल केलिकदारोग्लू को तुर्किये का गांधी माना जाता है। इसलिए लोग उन्हें ‘कमाल गांधी’ भी कहकर संबोधित करते हैं।
Turkiye: एर्दोगन को 47% वोट
Turkiye: तुर्कियन प्रेसिडेंट इलेक्शन फॉरकास्ट के ओपनियन पोल में रविवार की सुबह को कमाल केलिकदारोग्लू को फर्स्ट राउंड में 49.3% जबकि एर्दोगन को 47% वोट मिलते दिखाए गए थे।उसके बाद अधिकांश मतों की गिनती होने पर एर्दोगन ने दावा किया कि वह अभी भी देश का राष्ट्रपति चुनाव जीत सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि ये चुनाव दो सप्ताह में फिर से कराए जाते हैं तो वे देश के उस फैसले का भी सम्मान करेंगे।गौरतलब है कि एर्दोगन 20 सालों में से 11 साल तक तुर्किये के प्रधानमंत्री और 9 साल तक राष्ट्रपति रहे हैं।
Turkiye:भारत विरोधी हैं एर्दोगन
पिछले करीब 20 वर्षों से तुर्किये की सत्ता में काबिज रेसेप तैयप एर्दोगन का रवैया भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक रहा है। उन्होंने हमेशा कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के समर्थन वाली भाषा बोली। उन्होंने यूएन में कहा था कि कश्मीर में अवाम पर जुल्म हो रहे हैं। उसका निपटारा यूएन चार्टर के मुताबिक होना चाहिए।
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