S.Jaishanker: भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने शनिवार को अपनी जर्मनी यात्रा के दूसरे दिन जर्मन समकक्ष एनालिना बेयरबॉक से मुलाकात की। इस मौके पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र, रूस-यूक्रेन विवाद और अफगानिस्तान में स्थिति समेत व्यापक द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
इस दौरान जयशंकर ने ईरान के अपने समकक्ष एच अमिराब्दुल्लहियान से भी मुलाकात की। द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग, अफगानिस्तान और संयुक्त व्यापक कार्रवाई योजना (जेसीपीओए) पर सार्थक चर्चा की। जेसीपीओए को ही ईरान परमाणु समझौते के तौर पर जाना जाता है। विदेश मंत्री म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के लिए शुक्रवार को जर्मनी पहुंचे थे। एमएससी में यूक्रेन को लेकर नाटो देशों और रूस के बीच बढ़ते विवाद पर विस्तारपूर्वक चर्चा होने की उम्मीद है।

S.Jaishanker: म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने गए हैं जर्मनी
भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर 18 से 23 फरवरी तक जर्मनी और फ्रांस के दौरे पर रहेंगे। जर्मनी में वह म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेंगे। वह एमएससी में भाग लेने वाले विदेश मंत्रियों और वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। एमएससी में, वह हिंद-प्रशांत पर एक पैनल चर्चा में भाग लेंगे और एमएससी के दौरान सीजीआई म्यूनिख और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम में चर्चा का भी नेतृत्व करेंगे।
कल फ्रांस के विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे
विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर (S.Jaishanker) भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को अपनी जर्मनी यात्रा के दूसरे दिन जर्मन समकक्ष एनालिना बेयरबॉक से
मुलाकात की। इस मौके पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र, रूस-यूक्रेन विवाद और अफगानिस्तान में स्थिति समेत व्यापक द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।रविवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचेंगे। वहां अपने फ्रांसीसी समकक्ष ज्यां यवेस ला द्रियां के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। उन्हीं के निमंत्रण पर विदेश मंत्री 22 फरवरी को हिंद-प्रशांत में सहयोग के लिए यूरोपीय संघ के मंत्रिस्तरीय मंच में भी भाग लेंगे,जोकि यूरोपीय परिषद के फ्रांसीसी प्रेसीडेंसी की एक पहल है। यूएनओ की तरफ से वैश्विक शांति के लिए उठाए जा रहे कदमों पर भी बात करेंगे।विदेश मंत्री यूरोपीय संघ और अन्य इंडो-पैसिफिक देशों के समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। वह फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस को भी संबोधित करेंगे।

उन्होंने स्लोवेनियाई विदेश मंत्री एंसे लोगर से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा, “मेरे दोस्त डॉ. एंजलॉग को फिर से देखकर खुशी हुई। सितंबर 2021 में स्लोवेनिया की मेरी यादगार यात्रा को याद किया। हमारे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। वैश्विक रुझानों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इसके साथ ही अपने ऑस्ट्रियाई समकक्ष एलेक्जेंडर शालेनबर्ग के साथ मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।
क्या है JCPOA
JCPOA ईरान और P5 + 1 चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका, प्लस जर्मनी के बीच यूरोपीय संघ के साथ 14 जुलाई, 2015 को वियना में हुए ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर एक समझौता है। मई 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका के एकतरफा हटने के बाद सौदे के भविष्य पर सवाल उठाया गया था।
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