काबुल के मदरसे में आत्मघाती हमला; तालिबान से जुड़े Rahimullah Haqqani की दर्दनाक मौत

तालिबान का कहना है कि लगभग एक साल पहले विदेशी सेना के हटने के बाद से उन्होंने सुरक्षा बहाल कर दी है। हालांकि, नियमित हमले, जिनमें से कई इस्लामिक स्टेट द्वारा दावा किए गए हैं।

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Rahimullah Haqqani
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Rahimullah Haqqani: गुरुवार को काबुल के एक मदरसे में हुए आत्मघाती हमले में तालिबान से जुड़े मौलवी शेख रहीमुल्ला हक्कानी की मौत हो गई है। बताया गया है कि हमलावर कुत्रिम पैर में आईडी छिपाकर लाया था। तालिबान प्रशासन के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा कि बहुत दुख की बात है कि सम्मानित मौलवी शेख रहीमुल्लाह हक्कानी दुश्मनों के कायरतापूर्ण हमले में शहीद हो गए। हालांकि हमले के पीछे कौन शामिल है इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है।

हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी का वैचारिक गुरु था Rahimullah Haqqani

बता दें कि रहीमुल्ला हक्कानी को तालिबान गृह मंत्री और हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी का वैचारिक गुरु माना जाता था। रहीमुल्ला सोशल मीडिया पर तालिबान का चेहरा था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसके लाखों फॉलोवर्स हैं। हक्कानी पर पहले भी दो हमले हो चुके थे। वह तालिबान सैन्य आयोग का सदस्य रह चुका है। उस दौरान अमेरिकी फौज ने गिरफ्तार करके कई महीने बगराम जेल में रखा था। रहीमुल्ला के पेशावर स्थित मदरसे में तालिबान लड़ाके पढ़ते हैं।

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अक्सर निशाने पर रहते हैं तालिबानी नेता

हमले के बाद आंतरिक मंत्रालय के एक वरिष्ठ तालिबान अधिकारी ने अपने प्रशासन के लिए समूह के नाम का जिक्र करते हुए कहा कि हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि यह व्यक्ति कौन था और उसे शेख रहीमुल्लाह हक्कानी के निजी कार्यालय में प्रवेश करने के लिए इस महत्वपूर्ण स्थान पर कौन लाया था। यह अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।

तालिबान का कहना है कि लगभग एक साल पहले विदेशी सेना के हटने के बाद से उन्होंने सुरक्षा बहाल कर दी है। हालांकि, नियमित हमले, जिनमें से कई इस्लामिक स्टेट द्वारा दावा किए गए हैं। बताते चले कि अक्सर धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के साथ-साथ तालिबान नेताओं को भी निशाना बनाते हैं।

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